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जिला सिरमौर की प्रमुख नकदी फसल अदरक इन दिनों कौड़ियों के भाव बिकने पर किसान सभा ने नाराजगी जताई। गत वर्ष मार्च माह में जहां अदरक की फसल से 70 प्रति किलो तक बिकी वह इन दिनों मात्र 8 से 10 रुपए किलो बिक रही है। कीमत कम होने के चलते अदरक उत्पादक इस फसल को खाती कहलाने वाले पारंपरिक स्टोर में भंडारित कर रहे हैं और रेट बढ़ने का इंतजार में है।
उक्त स्टोर में 3 माह तक फसल सुरक्षित रह सकती है। किसान सभा के जिला अध्यक्ष रमेश वर्मा ने यहां जारी बयान में कहा कि, क्योंकि अदरक पर प्रति किलो खर्चा करीब 40 रुपए के करीब लागत आती है, इसलिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के मुताबिक इसका समर्थन मूल्य 50 किलो घोषित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, हमेशा फसल निकलने के दौरान जहां अदरक मात्र 10 रुपए किलो के आसपास बिकता है, वहीं मार्च माह में 70 किलो तक बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं हिमाचल के बाजारों में ग्राहकों को इन दिनों भी अदरक सब्जी विक्रेताओं द्वारा 50 से 100 किलो तक बेचा जा रहा है।
उन्होंने किसानों से 10 रुपए किलो खरीदा जाने वाला अदरक ग्राहकों को 100 रूपए प्रति किलो तक मिलने को आढ़तियों व बिचौलियों की लूट बताया। गौरतलब है कि, सिरमौर जिला में करीब 1600 हेक्टेयर भूमि पर अदरक की खेती होती है तथा 1990 के दशक तक जिला का अदरक उत्पादन में पहला नंबर था।
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