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प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए अब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ साथ जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के अलावा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों के भी क्षेत्राधिकार निर्धारित कर दिए हैं। पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, एसडीएम, तहसीलदार, एसपी, एडिशनल एसपी, डीएसपी और संबंधित थाने के एसएचओ अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले रिहायशी, व्यवसायिक, साइलेंस जोन, धार्मिक स्थान के अलावा औद्योगिक इकाइयों और वाहनों के ध्वनि प्रदूषण पर कार्रवाई कर सकेंगे।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की निगरानी कर कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व्यवसायिक व औद्योगिक इकाइयों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर कार्रवाई करेगा। प्रधान सचिव पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कमलेश कुमार पंत की ओर से इस अधिसूचना के जारी होने के बाद ध्वनि प्रदूषण पर निगरानी करने और शिकायतों पर कार्रवाई करने में भी आसानी होगी। अभी तक सिर्फ राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ही ध्वनि प्रदूषण की निगरानी करता था।
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