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विश्व के सबसे बड़ा देव समागम यानी कुल्लू दशहरा उत्सव इस बार सूक्ष्म तरीके से मनाया गया। जहां वर्ष 2019 में देवी-देवताओं की संख्या 278 पहुंच गई थी, वहीं इस बार मात्र आठ देवी-देवताओं के साथ भगवान रघुनाथ जी की भव्य रथ यात्रा निकली। कोरोना संकट के कारण इस बार दशहरा उत्सव सुक्ष्म तरीके से मनाया गया।
बता दें कि 2018 में जिला प्रशासन ने 305 और इससे पहले काफी वर्षों से 292 देवी-देवताओं को ही जिला प्रशासन की ओर से निमंत्रण भेजा जा रहा था। 2019 में भी 305 देवी-देवताओं को नियमंत्रण भेजा गया था, लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते मात्र सात देवी-देवताओं को अधिकृत किया गया था, लेकिन उत्सव में देवी-देवताओं की संख्या आठ पहुंच गई, जबकि रघुनाथ समेत संख्या नौ हो गई। बता दें कि 2019 में 26 देवी-देवता नए आए और संख्या बढ़ गई थी। गौर हो कि 1661 के बाद वर्ष 2013 में पहली बार रिकॉर्ड देवी-देवताओं ने दशहरा उत्सव में शिरकत की थी, उसके बाद संख्या बढ़ती गई, लेकिन 2020 के दशहरा उत्सव में संख्या कोरोना संकट के चलते आठ पहुंच गई है।
पिछले वर्ष बढ़ी देवी-देवताओं की संख्या से यह लग रहा था कि आगामी वर्ष देवी-देवताओं की संख्या 300 का आंकड़ा छू लेगी, लेकिन कोरोना संकट ने उत्सव में देवी-देवताओं को विराजमान होने नहीं दिया। कोरोना संकट के चलते परंपरा को निभाने के लिए देवी-देवताओं की संख्या बहुत कम कर दी गई थी। इससे पहले 1962 में चीन-युद्ध के दौरान दशहरा उत्सव को सूक्ष्म तरीके से मनाया गया था। इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो 1651 ईस्वी में शुरू हुए दशहरा उत्सव के बाद 1962 में चीन-युद्ध के दौरान भी दशहरा पर्व पर महासंकट आ गया था। युद्ध के डर से पूरी देवभूमि ब्लैकआउट थी और किसी को भी रोशनी करने की इजाजत तक नहीं थी लेकिन इस बार विश्वभर में आई कोरोना वैश्विक महामारी ने 58 साल बाद दशहरा उत्सव को सूक्ष्म कर दिया। बता दें कि रथ यात्रा में इस बार आठ देवी-देवताओं के साथ बहुत कम संख्या में आए कारकूनों को जाने की अनुमति थी। जहां भगवान रघुनाथ जी के रथ को खींचने के लिए हजारों की संख्या उमड़ पड़ती थी, वहीं इस बार रथ को खींचने के लिए चुनिंदा श्रद्धालु ही मौजूद थे। धारा 144 के चलते लोगों को रथ को मैदान में लाने की अनुमति नहीं थी। ऐसे में दशहरा उत्सव देखने आए लोगों ने रथ मैदान के बाहर से रथ यात्रा को देखा। उत्सव में बहुत कम संख्या में लोग पहुंचे थे। पिछले सालों की भांति इस बार दशहरा उत्सव की रथयात्रा में रथ मैदान खाली था। पहले जब रथ यात्रा शुरू होती थी, तो हजारों की संख्या में श्रद्धालु मैदान में होते थे, लेकिन इस बार बहुत कम श्रद्धालु थे।
कब, कितने देवी-देवता आए
2004 – 101
2005 – 194
2006 – 200
2007 – 211
2008 – 210
2009 – 213
2010 – 210
2011 – 220
2012 – 222
2013 – 234
2014 – 226
2015 – 230
2016 – 227
2017 – 249
2018 – 238
2019 – 278
2020 – 8
सीएम ने दी दशहरे की बधाई
कुल्लू – कोरोना महामारी के चलते इस बार अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव सूक्ष्म तरीके से आयोजित किया जा रहा है। जहां पर केवल मात्रा देव परंपराओं का ही निर्वहन हो रहा है। ऐसे में प्रदेश सहित कुल्लू वासियों को दशहरे की वधाई देते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि इस बार कोरोना के चलते ही सूक्ष्म दशहरे का आयोजन हो रहा है। उन्होंने बुराई व अच्छाई और अधर्म पर विजय के महापर्व विजयदशमी की प्रदेशवासियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने सभी से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि कोरोना महामारी में सभी का साथ जरूरी है। ऐसे में लोग अपना ख्याल रखें।
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