न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर (संगड़ाह)
बुधवार को राजकीय महाविद्यालय संघडाह की 32 बीघा 16 बिस्वा भूमि की निशानदेही की गई । दूसरे चरण की निशानदेही में भी कॉलेज की जमीन पर आधा दर्जन कब्जे पाए जाने के बावजूद डेढ़ जरीब भूमि विवादित बताई गई। यह निशानदेही स्थानीय फील्ड कानूनगो तथा दो पटवारियों द्वारा किए जाने के बावजूद डेढ़ जरीब भूमि विवादित बताई गई। कॉलेज बिल्डिंग एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर कमेटी सदस्य प्रो प्रमोद, प्रो सुशील, प्रो विक्रम व कार्यालय अधीक्षक राजेंद्र सिंह आदि की मौजूदगी उक्त निशानदेही की वीडियोग्राफी तथा जियो टैगिंग भी की करवाई गई। महाविद्यालय प्रशासन ने निशानदेही के दौरान कॉलेज की 32 बीघा 16 बिस्वा जमीन पूरी न होने पर आपत्ति जताई है तथा दूसरी बार भी हेलीपैड के साथ लगती जमीन को राजस्व कर्मियों द्वारा विवादित बताया गया। राजस्व विभाग की ओर से फील्ड कानूनगो रमेश कुमार तथा दो पटवारियों द्वारा उक्त भूमि की निशानदेही की गई।
महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा कॉलेज की जमीन की निशानदेही के लिए एसडीएम संगड़ाह को 28 दिसंबर 2018 को अधिकारिक पत्र भेजे जाने बावजूद संबंधित राजस्व अधिकारियोंं को उक्त सरकारी भूमि की डिमार्केशन में छः माह का समय लग गया। द्वारा उक्त मामले को लेकर शनिवार को समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद हरकत में आए स्थानीय प्रशासन अथवा एसडीएम द्वारा पहले उक्त निशानदेही की तारीख 9 जून निर्धारित की गई थी, जिसे बाद में 10, जुलाई के लिए मुल्तवी किया गया तथा बुधवार को दोबारा उक्त डिमार्केशन हुई।
राजस्व विभाग के अनुसार महाविद्यालय द्वारा संबंधित दस्तावेज देरी से दिए जाने तथा कर्मचारियों के विभिन्न कार्यों में व्यस्त होने के चलते इतना समय लग गया। वर्ष 2006 से चल रहे इस महाविद्यालय की जमीन पर दिन-ब-दिन हो रहे अतिक्रमण के चलते जहां महाविद्यालय की जमीन सिकुड़ती जा रही है, वहीं कॉलेज संपर्क मार्ग भी केवल छोटे वाहनों के काबिल ही रह गया है। उक्त सरकारी संपत्ति की तार-बाढ़ अथवा बाउंड्री वॉल न होने के चलते दिन ब दिन कब्जे बढ़ रहे हैं। राजस्व कर्मियों की मानें तो अवैध कब्जे होने के दौरान ही यदि महाविद्यालय प्रशासन कब्जाधारकों पर कार्यवाही अथवा मामले दर्ज करवाएं तो अतिक्रमण रूकने की पूरी संभावना है।
महाविद्यालय के विभिन्न छात्र संगठनों ने प्रशासन से उक्त सरकारी संपत्ति पर ध्यान देने की अपील की। वर्ष 2014 में स्थानीय पंचायत द्वारा बनाया गया ग्रामीण हाट भवन पुरानी निशानदेही के मुताबिक महाविद्यालय की भूमि में बताया जा रहा था। वर्ष 2014 में से पहले हुई निशानदेही के दौरान जहां तत्कालीन राजस्व अधिकारियों द्वारा हेलीपैड तक का हिस्सा महाविद्यालय का बताया जा रहा था, वहीं अब इसे अन्य भूमि बताया जा रहा है। साल 2014 में तत्कालीन प्राचार्य द्वारा एसडीम संगड़ाह को कॉलेज की भूमि पर पंचायत द्वारा अवैध कब्जा किए जाने को लेकर पत्र भी भेजा गया था।
महाविद्यालय की जमीन व सड़क के आसपास कईं लोगों द्वारा भवन निर्माण के लिए अतिक्रमण किया गया है तथा प्राचार्य के अनुसार निशानदेही की अंतिम रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन को कब्जा वापिस दिलवाने अथवा अतिक्रमण हटाने के लिए लिखा जाएगा। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ दिनेश भारद्वाज ने बताया कि, बुधवार को हुई निशानदेही में संबंधित कमेटी के अनुसार कालिज की जमीन पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि, निशानदेही की अंतिम रिपोर्ट आने पर अतिक्रमण हटाने अथवा कब्जा वापिस लेने जैसी कार्यवाही की जा सकती है। तहसीलदार संगड़ाह आत्मा राम नेगी ने बताया कि, निशानदेही की रिपोर्ट फील्ड कानूनगो तैयार कर रहे हैं। कानूनगो रमेश कुमार ने बताया कि, कल तक रिपोर्ट तैयार कर दी जाएगी। कानूनगो के अनुसार अब तक चार बार महाविद्यालय की भूमि की निशानदेही की जा चुकी है, मगर कालिज प्रशासन द्वारा फैंसिंग जैसी व्यवस्था न किए जाने के चलते विवाद सुलझ नही रहे हैं।
Recent Comments