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नई शिक्षा नीतियों को लेकर हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जल्द ही लाइव कक्षाएं शुरू होंगी। आईसीटी लैब वाले स्कूलों से इसकी शुरूआत होगी। निजी स्कूलों की तर्ज पर जल्द ही सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भी गूगल मीट या जूम एप से पढ़ाई करेंगे। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने इसको लेकर संभावनाएं तलाशने के शिक्षा निदेशकों को निर्देश जारी किए हैं। हर घर पाठशाला कार्यक्रम और जिओ टीवी को भी दोबारा शुरू करने का फैसला लिया गया है।
इसके अलावा इंटरनेट कनेक्टिविटी और मोबाइल फोन से वंचित रहे विद्यार्थियों को बीते वर्ष की तरह घरों में ही लिखित शिक्षण सामग्री मुहैया करवाई जाएगी। मई में अभिभावकों के साथ ई पीटीएम करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। 15 मई तक फिर शिक्षण संस्थानों को बंद करने का प्रस्ताव भी तैयार है। सरकारी स्कूलों में अभी व्हाट्सएप के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है। इस तकनीक के चलते दो तरफा संवाद सही से नहीं बन पा रहा है। शिक्षकों की ओर से व्हाट्सएप ग्रुपों में रोजाना विद्यार्थियों को पढ़ाई से संबंधित सामग्री भेजी जाती है। फिर विद्यार्थी उसे पढ़ने के बाद सवालों के जवाब वापस भेजते हैं।
उधर, निजी स्कूलों में बीते वर्ष से ही लाइव कक्षाएं चलाई जा रही हैं। शिक्षक रोजाना तीन से चार घंटे तक आधे घंटे से चालीस मिनट के अलग-अलग विषयों के पीरियड लगा रहे हैं। विद्यार्थियों से आमने-सामने बात भी की जा रही है। इस तकनीक को अब सरकारी स्कूलों में भी शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है। संभावित है कि जून से इसे लागू कर दिया जाएगा। सरकारी स्कूलों में कई जगह आईसीटी लैब में कंप्यूटर, इंटरनेट की सुविधा है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इन सुविधाओं के माध्यम से सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी लाइव कक्षाएं लगा सकेंगे।
12वीं की परीक्षाओं पर सीबीएसई के फैसले का इंतजार
शिक्षा सचिव ने बताया कि प्रदेश में बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए फैसला सीबीएसई के निर्णय के बाद लिया जाएगा। सीबीएसई इसको लेकर क्या कदम उठाता है। उस पर प्रदेश सरकार का आगामी फैसला निर्भर करेगा। उन्होंने बताया कि दसवीं कक्षा की परीक्षाएं लेने या विद्यार्थियों को प्रमोट करने का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।
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