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हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन में सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग में हजारोंं शिक्षकों की तीन माह तक ट्रांसफर करवाने में बल्ले-बल्ले रही। राज्य सरकार द्वारा पिछले साल से रोक के बाद भी उच्च शिक्षा व प्रारंभिक शिक्षा विभाग में लगभग 3400 शिक्षकों ने घर बैठे अपने तबादले करवाए। हैरत इस बात की है कि उच्च शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा 1900 शिक्षकों ने अपनी ट्रांसफर की फाइलें पास करवाईं। वहीं प्रारंभिक शिक्षा विभाग में करीब 1500 शिक्षकों के तबादले की जानकारी दी गई। महत्त्वपूर्ण यह है कि गत गुरुवार को सरकार द्वारा ट्रांसफर पर रोक लगाने के बाद शिक्षा निदेशालय ने पांच बजे के बाद ट्रांसफर को लेकर आए करीब तीन हजार से ज्यादा डीओ लैटर को पैंडिंग पर रख दिया है। हालांकि समझ से परे है कि आखिर सरकार की ट्रांसफर पर रोक लगाने के बाद भी क्यों शिक्षक छुट्टियों में भी अपनी अरजेस्टमेंट करवाने में ही व्यस्त रहे।
अहम यह है कि उच्च शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा अंग्रेजी विषय में 160 पीजीटी शिक्षकों ने घर बैठे अपनी अरजेस्टमेंट करवाई। इसके साथ ही हिंदी में करीब 200 पीजीटी, हिस्ट्री में 150, पोलिटिकल साइंस में 100, इसी तरह दूसरे विषयोें में भी सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने तबादले करवाए। वहीं प्रारंभिक शिक्षा विभाग में भी 466 जेबीटी शिक्षक, 107 सी एंड वी, 200 टीजीटी और छह क्लर्क ने अपने तबादला आर्डर करवाए। हैरत इस बात की है कि पिछले साल सरकार ने सभी तरह की ट्रांसफर पर रोक लगा दी थी। बावजूद इसके कोविड के संकटकाल में अगर इतने शिक्षकों ने घर से ही अपने तबादले ऑर्डर करवा दिए, तो इससे कई सवालिया निशान शिक्षा विभाग व सरकार पर लगते हैं।
सूत्रों की मानें, तो छुट्टियों में फ्री रहे शिक्षकों ने अपने घर के नजदीकी स्कूल में ही अपनी अरजेस्टमेंट करवा दी, ताकि जब स्कूल खुलें, तो वे कोविड की इस महामारी के दौरान दूर किसी स्कूल में सेवाएं देने के लिए न जाएं। फिलहाल शिक्षा विभाग में ट्रांसफर का यह आंकड़ा सरकार को भी हैरत करता है। सूत्रों की मानें, तो ट्रांसफर के लिए शिक्षकों का दबाव भी सरकार के मंत्री व आलाधिकारियों के ऊपर इतना था कि उन्हें ट्रांसफर को लेकर यह सख्त कदम उठाना पड़ा।
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