प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी की एक सामने आई बड़ी लापरवाही
News portals-सबकी खबर (शिमला)
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पर एक नेगेटिव मरीज को पॉजिटिव बता कर उसे मशोबरा शिफ्ट कर दिया गया है। यहां पर उसे दो दिन तक कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के साथ भी रखा गया, लेकिन जब बाद में युवक ने अपनी रिपोर्ट की जांच करवाई तो उसे मालूम हुआ कि वह नेगेटिव है। युवक को यहां पर रखे हुए पांच दिन हो चुके हैं।सोमवार को भी उसका रैपिड टेस्ट हुआ था, जो कि नेगेटिव आया था। जानकारी के अनुसार आईजीएमसी के जेनेरिक मेडिसिन स्टोर में काम करने वाले हेमंत अपनी बहन को छोड़ने के लिए कश्मीर गया हुआ था।
उसने कश्मीर जाने से पहले और वहां से हिमाचल आने से पहले भी कोविड का टेस्ट करवाया था, जो कि नेगेटिव आया था,ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले उन्हें दोबारा से कोविड का टेस्ट करवाने के लिए कहा गया। 17 सितंबर को उन्होंने अपना कोविड का टेस्ट आईजीएमसी में करवाया।18 को उनकी रिपोर्ट को पॉजिटिव बताया गया, जिसके चलते उन्हें 18 रात को ही मशोबरा शिफ्ट होने को कहा गया। हेमंत ने बताया कि यहां पर जब वह दो दिन तक रहा तो उसे किसी भी तरह का लक्षण नहीं दिखाई दिया।
इसके बाद उसने अपनी कोविड की रिपोर्ट किसी तरह से निकलवाई, जिसमें वह नेगेटिव आया था। हेमंत ने बताया कि उनके नाम के आगे हेमंत-25 लिखा था, जो कि नेगेटिव थी, जबकि एक और हेमंत था, जिसकी उम्र 26 थी, वह पॉजिटिव था। सीएमओ शिमला सुरेखा चोपड़ा का कहना है कि हो सकता है कि युवक पहले पॉजिटिव आया हो और बाद में नेगेटिव आ गया हो। फिर भी इस संबंध में रिपोर्ट मंगवाई जाएगी, जिसके बाद ही वह कुछ कहा जा सकता है।युवक का कहना है कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके घर में भी सभी को आइसोलेट किया गया है।
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