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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित हुई हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट ने विभिन्न विभागों में विभिन्न श्रेणियों के करीब 1439 पद भरने की मंजूरी दी। कैबिनेट ने मंडी, सोलन और पालमपुर नगर परिषदों को नगर निगम बनाने का फैसला लिया। इसके अलावा कंडाघाट, अंब, आनी, निरमंड, नेरवा और चिड़गांव को नगर पंचायत बनाने को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। हालांकि इन सबकी अधिसूचना होनी बाकी है। कुल्लू और शिमला जिले से 2-2, सोलन और ऊना जिले से 1-1 नगर पंचायत बनी है। पंचायत चुनाव के साथ ही नए नगर निगमों और नगर पंचायतों के चुनाव जनवरी 2021 में होंगे। वहीं चुनाव खर्च कम करने को धर्मशाला नगर निगम के चुनाव भी साथ होंगे, जबकि शिमला नगर निगम के चुनाव वर्ष 2022 में होंगे।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि नए नगर निकायों में शामिल क्षेत्रों के लोगों को तीन साल तक कोई भी सामान्य कर नहीं देना होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में कुछ शहरी स्थानीय निकायों के पुनर्गठन को भी स्वीकृति दी, जिनमें कुछ क्षेत्रों को शामिल किया है, जबकि कुछ बाहर निकालकर जिला मंडी की करसोग, नेरचौक और जिला कांगड़ा में नगर पंचायत जवाली में शामिल किया है।
मंत्रिमंडल ने सीधी भर्ती के माध्यम से पुलिस कांस्टेबलों के 1334 रिक्त पदों को भरने के लिए अपनी मंजूरी दी। इसमें 976 पुरुष, 267 महिला कांस्टेबल और 91 ड्राइवर के पद शामिल हैं। सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स पर नियुक्त 1345 कंप्यूटर शिक्षकों के मानदेय में दस फीसदी बढ़ोतरी कर दी गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मार्च, 2020 में बजट पेश करते हुए मानदेय में बढ़ोतरी का एलान किया था। इन शिक्षकों को बढ़ा हुआ मानदेय अप्रैल 2020 से मिलेगा।
कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में नियुक्त 2555 एसएमसी शिक्षकों को सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए सेवा विस्तार देने और लंबित वेतन जारी करने का फैसला लिया है। हिमाचल हाईकोर्ट ने अगस्त में एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले को चुनौती देने के लिए सरकार और शिक्षक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। बीते दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट की इस व्यवस्था के बाद शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों को राहत देने का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट बैठक में भेजा।
प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में प्रथम और द्वितीय वर्ष में पढ़ने वाले करीब 60 हजार विद्यार्थियों को सरकार ने बिना परीक्षा लिए ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का फैसला लिया है। प्रमोट विद्यार्थियों की बीते साल की परीक्षा के 50 फीसदी अंकों, वर्तमान सत्र की आंतरिक परीक्षा के 30 फीसदी और शिक्षकों की असेसमेंट के 20 फीसदी अंकों के आधार पर कुल अंक दिए जाएंगे। अगर कोई विद्यार्थी इन अंकों से नाखुश रहता है तो वह अगले साल पुरानी कक्षा की परीक्षाएं देकर अपने अंक सुधार कर सकता है।
कैबिनेट ने अग्रणी फायरमैन के 32 पदों को भरने के लिए अपनी सहमति दी। कांगड़ा जिले के संसारपुर टैरेस, किन्नौर जिले के सांगला और कुल्लू जिले के पतलीकुहल में नए खुले फायर पोस्ट में ड्राइवर कम पंप ऑपरेटरों के 11 पद भरने की मंजूरी दी। कैबिनेट ने नियमित आधार पर राज्य के 22 अधीनस्थ न्यायालयों में 22 पदों को बनाने और भरने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने राज्य खाद्य आयोग में विभिन्न श्रेणियों के 9 पदों को भरने के लिए अपनी अनुमति दी।
कांगड़ा जिले के सरकारी कॉलेज टकीपुर का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय कॉलेज किया। कैबिनेट ने कांगड़ा जिले में स्वास्थ्य उप केंद्र टयोडा को स्तरोन्नत कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करने और विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों को भरने के लिए मंजूरी दी। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में सहायक प्रोफेसर का एक पद को सृजित करने और भरने के लिए अपनी सहमति भी दी।
वहीं प्रदेश में करीब साढ़े सात माह बाद दो नवंबर से स्कूल और कॉलेजों में नियमित कक्षाएं लगाने की प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। नौवीं से 12वीं कक्षा और कॉलेजों में प्रथम, द्वितीय और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को अभिभावकों के सहमति पत्र पर नियमित कक्षाएं लगाने के लिए प्रवेश मिलेगा। शिक्षण संस्थानों में आने की विद्यार्थियों पर न अनिवार्यता होगी, न हाजिरी लगेगी। ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी।
पहली से आठवीं कक्षा के स्कूल अभी भी बंद रहेंगे। कैबिनेट बैठक में सरकार ने केंद्र के एसओपी को लागू किया है। मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि बीते दिनों हुई ई-पीटीएम में अधिकांश अभिभावकों और विद्यार्थियों ने नियमित कक्षाएं शुरू करने की पैरवी की थी। माइक्रो प्लान भी तैयार किए हैं। इन सभी पर विचार के बाद सरकार ने दो नवंबर से स्कूल खोलने का फैसला लिया है। कोरोना की चपेट में न आने की जिम्मेवारी कोई नहीं ले सकता है, इसके चलते ही अभिभावकों के सहमति पत्र की शर्त रखी है। वहीं, 3 अगस्त 2017 को आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए लाहौल स्पीति निवासी तंजिन छुलटिम की बहन तंजिन डोलकर को डीएफओ लाहौल स्पीति के कार्यालय में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के पद पर नियुक्ति प्रदान करने की मंजूरी भी दी गई है।
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