News portals-सबकी खबर (शिमला)
हिमाचल में राज्य लेखा परीक्षा विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। करीब एक दशक की ऑडिट रिपोर्ट को देखें तो किसी ने उद्घाटन तो किसी ने मानदेय के लिए छात्र निधि के पैसे दे दिए। सरकार ने इस रिपोर्ट को अपनी एक वेबसाइट पर सार्वजनिक किया है। हिमाचल आईटीआई में विद्यार्थियों के पैसों पर खेल चल रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार तकनीकी शिक्षा निदेशक ने 7 जून 2011 को कार्यालय आदेश जारी कर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संधोल में एक लाख रुपये का अनियमित व्यय करवाया। इसे छात्र निधियों से दिया गया। इसे नवसृजित संस्थान के उद्घाटन के लिए खर्च किया गया। उद्देश्य पूर्ति के बाद इस राशि को जल्द लौटाया जाना था, जो नहीं किया गया। इससे आईटीआई संस्थान दिव्यांग सुंदरनगर को पिछले पांच साल से अधिक वक्त से छात्र निधियों में नुकसान उठाना पड़ा है।
जिला सोलन के राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दिग्गल में छात्र कल्याण निधि से ट्रेनर्स के मानदेय या वेतन के रूप में 1 लाख 39 हजार रुपये का अनियमित व्यय किया गया। इसका भुगतान भी छात्र कल्याण निधि से नहीं किया जा सकता था। आईटीआई महिला रिकांगपिओ में बचत खाते में पड़ी आधिक्य राशि को सावधि खाते में जमा नहीं किया गया। इससे ब्याज का नुकसान हुआ है। 31 मार्च 2017 को ऐसी धनराशि आईटीआई रिकांगपिओ के पास 2 लाख 79 हजार 108 रुपये जमा थी। इसके अलावा छात्रों की 3600 रुपये की प्रवेश धनराशि को अनधिकृत रूप से छात्र कल्याण निधि की रोकड़ बही में जमा कर दिया गया।
Recent Comments