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रेणुकाजी बांध से विस्थापित होने वाले किसानों द्वारा गठित संघर्ष समिति की बैठक शुक्रवार को उपमंडल संगड़ाह के गांव सीऊं में संपन्न हुई। समिति अध्यक्ष योगेंद्र कपिला की मौजूदगी में हुई इस बैठक में हाल ही में मुख्यमंत्री व उपायुक्त द्वारा दिए गए आश्वासनों पर भी चर्चा की गई। योगेंद्र कपिला ने बताया कि, 5 जनवरी को मुख्यमंत्री तथा 24 दिसंबर को डीसी सिरमौर के साथ हुई बैठक में जल्द विस्थापितों की जायज मांगे पूरा करने का आश्वासन दिया गया है।
उन्होंने कहा कि, उपायुक्त के आश्वासन के बावजूद 5 फरवरी तक वह पहचान पत्र अथवा एमपीएएफ कार्ड व मुआवजे का व्यौरा दिए जाने का इंतजार करेंगे। इसके अलावा समिति की बैठक में आज बांध से विस्थापित होने वाले 1142 के करीब परिवारों का चंडीगढ़ के समीप पुनर्वास किए जाने को मुद्दे को लेकर भी चर्चा हुई और इस बारे समिति बांध प्रबंधन को मांग पत्र सौंप चुकी है। विस्थापित समिति ने गिरीपार को अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग को लेकर हाटी समिति के समर्थन का दावा भी किया।
गौरतलब है कि, 1960 के दशक से प्रस्तावित करीब 7000 करोड़ की इस परियोजना का शिलान्यास गत 27 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा चुका है। मात्र 40 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही इस पर करीब 780 करोड़ खर्च हो चुके हैं जिसमें से लगभग 447 करोड विस्थापित परिवारों को मुआवजा देने पर खर्च किए जा चुके हैं। समिति पदाधिकारियों के अनुसार पिछले 14 साल से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। बैठक मे पूर्ण चंद शर्मा, ब्रह्मदत्त शर्मा, मदन सिंह अत्री, विक्रम सिंह, दर्शन सिंह, मस्तराम, जोधा राम, रणदीप सिंह व विजय आजाद आदि दर्जनों लोग मौजूद रहे।
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