Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 22, 2024

उधार के राशन से पक रहा मिड-डे मील, 30 करोड़ पिछले और इस वर्ष के 115 करोड़ पेंडिंग

News portals-सबकी खबर (शिमला )

केंद्र सरकार की ओर मिड-डे-मील का बजट जारी न करने के कारण प्रदेश के स्कूलों में मिड-डे-मील चलाना मुश्किल हो गया है। स्कूलों के शिक्षक दुकानों से उधारी का राशन लेकर स्कूलों में मीड-डे-मील का खाना बना रहे हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले करीब तीन महीने से अधिक समय से मीड-डे-मील का बजट नहीं दिया गया है। प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने मीड-डे-मील की ग्रांट में पिछले वित्त वर्ष के करीब 30 करोड़ के बजट की अदायगी नहीं की गई है।

इसके अलावा इस साल के 115 करोड़ के बजट की भी कोई किस्त जारी नहीं की गई है।प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर केंद्र सरकार को मीड-डे-मील का बजट जारी करने के लिए कई बार पत्र भेजे जा चुके हैं, लेकिन जुलाई माह तक भी केंद्र सरकार ने मीड-डे-मील का बजट नहीं दिया है।मीड-डे-मील योजना में दस प्रतिशत प्रदेश सरकार और 90 प्रतिशत बजट केंद्र सरकार द्वारा दिया है। पहले बजट का पहली किस्त जो अप्रैल माह तक शिक्षा विभाग को मिल जाती थी इस बार जुलाई माह तक भी बजट की किस्त जारी नहीं की गई है। उधर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग के कार्यकारी निदेशक वीरेंद्र शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार को मीड-डे-मील बजट जारी करने के लिए पत्र भेजा गया है। बजट मिलते ही स्कूलों को मीड-डे-मील का बजट जारी किया जाएगा।मिड-डे-मील का बजट न मिलने से जहां स्कूलों में बच्चों का खाना बनाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं।

वहीं, स्कूलों में मिड-डे-मील वर्कर्ज को पिछले तीन माह से मानदेय नहीं मिल रहा है। मिड-डे-मील वर्करों को 3500 रुपए मानदेय दिया जाता है, जिसमें 2600 रुपए प्रदेश सरकार और 900 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। मानदेय न मिलने के कारण मिड-डे-मील वर्कर्ज को भी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

 

Read Previous

विशेष परिस्थितियों में ही होंगे स्वास्थ्य विभाग में तबादले

Read Next

अचानक सुलगी चिंगारी से तबाही, पीडि़त परिवार खुले आसमान के नीचे ,कुल्लू के धारठ में जला आशियाना

error: Content is protected !!