News portals-सबकी खबर (शिमला)
मिड-डे मील कर्मियों ने बुधवार को शिक्षा निदेशालय पहुंचकर अपना जताया रोष ।चार माह से मानदेय न मिलने के कारण सीटू के बैनर तले मानदेय देने और मांगों को लेकर मिड-डे मील कर्मी खूग गरजे। मिड-डे मील कर्मियों का कहना है कि उन्हें पिछले चार माह से मानदेय नहीं मिला है और उन्हें अभी मात्र 2600 रुपए मानदेय बीते दस सालों से मिल रहा है और वह भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। उनका कहना है की महंगाई के इस दौर में इस मानदेय से गुजर बसर करना मुश्किलों भरा हो गया है, इसलिए उनकी दिहाड़ी 300 रुपये और माह का मानदेय 9 हजार रुपये दें, अन्यथा आंदोलन उग्र होगा।
मिड -डे मील वर्कर यूनियन की सचिव हिमी देवी का कहना है कि सरकार 84 के बजाय 300 रुपये दिहाड़ी दे और माह का मानदेय 9000 रुपये प्रतिमाह हो, अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जाएगा और इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि चार माह से मानदेय नहीं मिला है, जिससे परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने मांग की है कि मल्टी टास्क वर्करों के पदों में मिड डे मील वर्करों को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील कर्मियों को न तो कोई अवकाश दिया जाता है और न ही मेडिकल सहित कोई अन्य सुविधा, जो कि उनके साथ सरासर अन्याय है। इसलिए सरकार से वह मांग करते है कि उनकी भी सुध ली जाए।
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