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रोगी कल्याण समिति सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में विधायक अपनी ही डुगडुगी बजाने को बेताब हैं। इनमें।रोगियों का भले ही कल्याण हो या नही …पर अपने चेहतो का कल्याण हो जाये। इसके लिए अपनी रणनीति बन कर अस्पताल परिसर स्थित केमिस्ट शॉप एक बार फिर प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी शुरू कर दी है। हिप्र सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के लिये थोपी गई शर्तें भी नेता का से रोकने का कुटिल प्रयास है।
इस केमिस्ट शॉप को रोगियों के हित में हिप्र सिविल सप्लाई कार्पोरेशन को देने की मांग लंबे समय से उठती आ रही है।
*रोगी कल्याण समिति को धीरे धीरे मात्र खासमखास कल्याण सिमिति करने के
प्रयास*
पांवटा साहिब-शिलाई के जरूरतमंद रोगियों की महंगी दवाओं से राहत पाने की उम्मीद पाले हुए हैं। लेकिन नेता के निजी या अपनो को शॉप देने की महत्वकांक्षा कुलांचे मार रही।है। जनता की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिरता नजर आ रहा है। बैठक में नेताजी के मनमाने तेवर व रणनीति स्थानीय सिविल अस्पताल परिसर में स्थित केमिस्ट शॉप रोगी कल्याण समीति लाखों रुपए किराए के लालच में प्राइवेट हाथों में देना की तरफ इशारा कर रहे है। जिससे रोगियों को बाजार के मुकाबले 30 से 50 फ़ीसदी अधिक दरों पर दवाई उपलब्ध होती है। इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन की केमिस्ट शॉप परिसर के भीतर ही खुलने पर 20 से 80 फ़ीसदी तक सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकती है।
बीते वर्षों में रोगी कल्याण समिति ने यह दुकान भारी-भरकम किराए में निलाम की थी। जिसका खामियाजा केवल रोगियों को भुगतना पड़ा। किरायदार के भाग जाने से रोगी कल्याण समिति की भी आय में कमी आई।
*कमीशन खोरी के आरोपों से निजात पाने को अस्पताल के डॉक्टरों का रुख भी ..हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन की केमिस्ट शॉप की तरफ*
इतना ही नहीं पिछले कई वर्षों से भारी भरकम किराए पर केमिस्ट शॉप दिए जाने के कारण अस्पताल में तैनात डॉक्टरों पर भी कमीशन खोरी के आरोप लगते रहे हैं। यही कारण है कि अपनी आम छवि के विपरीत रोगी कल्याण समिति के सदस्य व सिविल अस्पताल में तैनात डॉक्टर केमिस्ट शॉप हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन को देना चाहते हैं। ताकि रोगियों को 20 से 80 फ़ीसदी छूट पर दवाईयां मिल सके।
* विधायक सुखराम चौधरी चाहते हैं मरीजों के कल्याण से अधिक केवल आरकेएस कमेटी में एकछत्र राज*
रोगी कल्याण समिति के सदस्य व विधायक पांवटा साहिब सुखराम किसी भी कीमत पर यह केमिस्ट शॉप हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन को नहीं देना चाहते। इसलिए जानबूझकर कर ज्यादा मासिक किराया व कम ही समय अवधि की शर्त रखी है।।इसलिए, रोगी कल्याण समिति की बैठक के दौरान अस्पताल परिसर में स्थित केमिस्ट शॉप प्राइवेट हाथों में देने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।।टेंडर प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व एक सशर्त पत्र हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन को भेजा गया है। जिसके अनुसार यदि कार्पोरेशन यह दुकान लेना चाहता है तो उसे यह निर्णय 2 सप्ताह के भीतर लेना होगा। और एक लाख रुपये मासिक किराया व लाभांश का हिस्सा समीति को देना होगा।
*सिविल अस्पताल प्रभारी क्या बोले*
सिविल अस्पताल पांवटा साहिब प्रभारी डॉ. संजीव सहगल ने बताया कि रोगी कल्याण समिति की बैठक में हुए निर्णय के अनुसार हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन को एक पत्र भेजा गया है। यदि वह एक लाख रुपए मासिक किराए व लाभांश के साथ 2 सप्ताह के भीतर दुकान लेने का निर्णय लेते हैं तो केमिस्ट शॉप उन्हें दी जाएगी। अन्यथा किराए पर देने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
*कार्पोरेशन जनहित में दवा शॉप लेने को करेंगे प्रयास: बलदेव तोमर*
हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने कहा कि अभी तक पत्र नहीं मिला है। पत्र मिलता है तो इसे सिविल सप्लाई कार्पोरेशन की बीओडी की बैठक में।ये मुद्दा रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन का उद्देश्य सस्ती दरों पर गुणवत्ता पूर्ण दवाएं उपलब्ध करवाना रहता है।
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