News portals-सबकी खबर (हमीरपुर)
लेह से बटालियन सहित सियाचिन गलेशियर जाते समय ब्रेन हैमरेज के कारण शहीद हुए बेटे के वियोग में मां ने भी प्राण त्याग दिए। बेटे की चिता अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि हार्ट अटैक से मां की भी मौत हो गई। अपार प्रेम के चलते महिला अपने बेटे की जुदाई बर्दाश्त नहीं कर सकी। बेटे को अंतिम विदाई देने के उपरांत माता भी दुनिया से रुख्सत हो गई। मंगलवार दोपहर बेटे को अंतिम विदाई देने के बाद शहीद वरुण की माता विमला देवी (62) भी बुधवार सुबह दुनिया से रुख्सत हो गई।
अब मां-बेटे दोनों की अस्थियां एक साथ विसर्जित होंगी। बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह करीब 5ः30 बजे विमला देवी के सीने में दर्द उठा और तबीयत अचानक खराब हो गई। इसके बाद एक निजी अस्पताल से कर्मचारी को चैकअप के लिए बुलाया गया। चैकअप के दौरान उसने विमला देवी को मृत घोषित कर दिया। विमला देवी की मौत के बाद परिवार पर तो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा, क्योंकि अभी घर के एक सदस्य की चिता ठंडी भी नहीं हुई थी कि एक और सदस्य की चिता सुलग उठी।
जानकारी के अनुसार 20 दिसंबर, 2019 को लेह से सियाचिन ग्लेशियर की तरफ अपनी बटालियन के साथ जाते समय दुलेहड़ा गांव के निवासी वरुण कुमार शर्मा (34) पुत्र अमरनाथ को ब्रेन हैमरेज हो गया। मौसम खराब होने के चलते वरुण को इलाज के लिए लेह से बाई रोड ही लद्दाख तक लाया गया। 20 दिसंबर शाम को ही उनका ऑपरेशन हुआ था। इसके बाद उन्हें कमांड अस्पताल चंडी मंदिर शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन वहां बीते रविवार को दोपहर बाद वरुण ने दम तोड़ दिया। मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ वरुण कुमार का अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन बेटे की मौत का सदमा माता विमला देवी सहन न कर सकी और चंद घंटों बाद उसने भी प्राण त्याग दिए। बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक से शहीद की माता का निधन हुआ है। बहरहाल बेटे की मौत के एक दिन बाद अब माता के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है।
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