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भाजपा को उपचुनाव में चारों खाने चित मिलने के बाद प्रादेशिक नेताओं को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा शुक्रवार को नई दिल्ली से वर्चुअली संबोधित करेंगे। इससे प्रदेश भाजपा के नेताओं की धुकधुकी बढ़ गई है। असल में हार पर भाजपा हाईकमान की पहली प्रतिक्रिया शुक्रवार को ही आ रही है। नड्डा के वर्चुअल भाषण से भाजपा की भविष्य की सियासत के संकेत भी मिलेंगे। इस हार के बाद सरकार और संगठन में कई चेहरों के बदले जाने की खूब चर्चा हो रही है। इसी बीच शुक्रवार को भाजपा के प्रादेशिक नेताओं को नड्डा की तल्खी का सामना करना पड़ सकता है।
उपचुनाव में हार के करीब बीस दिन बाद भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की खामोशी तूफान से पहले की शांति मानी जा रही है। इस हार के बाद सरकार और संगठन के मौजूदा ढांचे में बदलाव की चर्चा जरूर हो रही है, मगर केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर अभी आह तक नहीं भरी है। हार के बाद पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने तो सीएम जयराम ठाकुर को लोकप्रिय मुख्यमंत्री कहकर ऐसे संबोधित किया कि मानो हिमाचल प्रदेश में कुछ हुआ ही न हो। इस संबोधन को मुख्यमंत्री के करीबी उनके पक्ष में भुना रहे हैं, मगर इस बात से अभी इंकार नहीं कर रहे हैं कि जयराम कैबिनेट के किसी मंत्री की कुर्सी नहीं जाएगी या संगठन में बड़ा बदलाव नहीं होगा।
नड्डा ने मंडी संसदीय सीट से संबंधित दो मंत्रियों को बार-बार समय मांगने पर अपने पास जरूर तलब किया, मगर अभी तक नड्डा का इस हार के बाद सीएम जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप से ठीक से आमना-सामना नहीं हुआ है। ऐसे में भाजपा के कोर ग्रुप की हार पर समीक्षा के बाद विस्तारित कार्यसमिति की बैठक के अंतिम दिन नड्डा का वर्चुअल संबोधन हिमाचल की सियासत की अगली दिशा और दशा का संकेत हो सकता है। असल में हिमाचल प्रदेश में एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीटों पर हुई भाजपा की हार न केवल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रतिष्ठा के लिए चिंता का विषय है बल्कि यह गृह राज्य होने के नाते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश के लिए भी चिंतनीय है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी इस उपचुनाव में स्टार प्रचारक रहे हैं तो इस हार से वह भी खुद को अलग नहीं कर सकते हैं।
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