न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर(संगड़ाह)
राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह के प्राचार्य द्वारा कॉलेज की 32 बीघा 16 बिस्वा जमीन की निशानदेही के लिए एसडीएम संगड़ाह को लिखित पत्र भेजे जाने के 6 माह बाद भी संबंधित राजस्व अधिकारियोंं द्वारा जमीन की डिमार्केशन नहीं की गई। वर्ष 2006 से चल रहे इस महाविद्यालय की जमीन पर दिन-ब-दिन हो रहे अतिक्रमण के चलते जहां महाविद्यालय की जमीन सिकुड़ती जा रही है, वहीं कॉलेज संपर्क मार्ग भी केवल छोटे वाहनों के काबिल ही रह गया है। उक्त सरकारी संपत्ति की तार-बाढ़ अथवा बाउंड्री वॉल न होने के चलते दिन ब दिन कब्जे बढ़ रहे हैं।
विभिन्न छात्र संगठनों ने प्रशासन से उक्त सरकारी संपत्ति पर ध्यान देने की अपील की। राजकीय महाविद्यालय के निचले हिस्से में आधा दर्जन निजी भवन निर्माण के लिए अगस्त, 2017 में हुई खुदाई से ध्वस्त हो चुके कालिज सम्पर्क मार्ग के नीचे खुदाई करने वाले लोगों द्वारा आज तक सुरक्षा दीवार नही लगाई गई। वर्ष 2014 में स्थानीय पंचायत द्वारा बनाया गया ग्रामीण हाट भवन भी जानकारी के अनुसार पुरानी निशानदेही के मुताबिक महाविद्यालय की 32 बीघा 16 बिस्वा भूमि के अंतर्गत आ रहा था।
बिना वीडियोग्राफी अथवा जीओ टैगिंग के हुई निशानदेही के दौरान तत्कालीन राजस्व अधिकारियों द्वारा कॉलेज की जमीन का हेलीपैड वाला हिस्सा पंचायत अथवा लोगों की निजी भूमि बताया गया, जबकि ऊपरी हिस्से में मौजूद अनुसूचित जाति के लोगों के सरकारी पट्टे वाली भूमि महाविद्यालय की बताई गई।
इस दौरान कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य द्वारा एसडीम संगड़ाह को कॉलेज की भूमि पर पंचायत द्वारा अवैध कब्जा किए जाने को लेकर पत्र भी भेजा गया था। वर्ष 2014 से अब तक महाविद्यालय की जमीन व सड़क के आसपास दर्जन भर लोगों द्वारा भवन निर्माण किया जा चुका है। आसपास बन रहे भवनों के लिए सरिया, रेत व बजरी आदि निर्माण सामग्री महाविद्यालय मैदान में रखा जाना आम हो चुका है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ दिनेश भारद्वाज के अनुसार 28 दिसंबर 2018 कॉलेज की भूमि की निशानदेही के लिए एसडीएम संगड़ाह को लिखा गया था, मगर अब तक निशानदेही नहीं हुई है। कार्यवाहक एसडीम संगड़ाह आत्माराम नेगी ने कहा कि, जमीन की निशानदेही आगामी 9 जुलाई को किए जाने के लिए संबंधित कानूनगो को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि, सभी पक्षों को इस बारे सूचना दी जा रही है।
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