Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 24, 2024

नए सीएस अनिल खाची ने संभाला कार्यभार,1986 बैच के आईएएस अधिकारी के पास 33 साल का अनुभव |

News portals-सबकी खबर (शिमला )

अनिल कुमार खाची ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाल लिया। उनका जन्म 22 जून, 1963 को हुआ है। वह हिमाचल कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इनकी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कालेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से हुई है। अनिल कुमार खाची के पास 33 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव है। इन्होंने हिमाचल प्रदेश में उपायुक्त कुल्लू, आबकारी एवं कराधान आयुक्त, सचिव वित्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और श्रम, औद्योगिक विकास निगम और हिमाचल प्रदेश वित्त निगम के प्रबंध निदेशक सहित कई अन्य महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

जून, 2010 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वह मुख्य चुनाव अधिकारी रहे और 2009 के संसदीय चुनावों का सफलतापूर्वक संचालन कर चुके हैं। वह हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त, योजना, आर्थिकी एवं सांख्यिकी और 20 सूत्रीय कार्यक्रम के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने दिल्ली में यूआईडीएआई में डिप्टी डायरेक्टर जनरल के रूप में कार्य किया, जहां पर उन्होंने आधार के लिए नामांकन प्रणाली के डिजाइन और इसे लागू करने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया।

उन्होंने परियोजना की सभी नामांकन संबंधी गतिविधियों की कार्य प्रणाली विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूआईडीएआई के साथ तीन साल कार्य करने के बाद इन्होंने श्रम और रोजगार मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया, जहां पर उन्हें बाल श्रम और महिला श्रम से संबंधित सभी मामलों के साथ मंत्रालय के प्रशासनिक कार्यों का जिम्मा सौंपा गया। उन्होंने कानून व न्याय मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति के माध्यम से बाल श्रम निषेध अधिनियम, 1986 के संशोधन में महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने ईपीएफ संशोधन पर कार्य शुरू कर लघु और मध्यम उपक्रमों के लिए संयोजन श्रम अधिनियम के लिए कार्य किया।

Read Previous

हमीरपुर के शहीद वरुण के अंतिम संस्कार के दूसरे दिन मां का हार्ट अटैक से निधन |

Read Next

पांवटा के बाल्मीकि बस्ती में खेलते खेलते गर्म पानी से झुलसे दो बच्चे ।

error: Content is protected !!