News portals-सबकी खबर (शिमला )
मंडियों के लिए अपने उत्पाद पहुंचाने के लिए किसानों और बागवानों को कोई पास नहीं लेने होंगे। उन्हें लॉकडाउन और कर्फ्यू में इसकी पूर्ण छूट दी गई है। इसके अलावा कृषि उत्पादन मंडी समिति अधिनियम यानी एपीएमसी एक्ट पर चयन समिति का अवलोकन आने के बाद से जल्दी यह नए रूप में मंत्रिमंडल की मंजूरी को भेजा जाएगा।
उसके बाद सरकार इस एक्ट में संशोधन को लेकर अध्यादेश ला सकती है, जिसे राज्यपाल की मंजूरी को भेजा जा सकता है। इस संशोधित एक्ट में आगामी सेब सीजन के दौरान से बागवानों को बाजार में अच्छे रेट दिलाने और उनके साथ ठगी के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त प्रावधान होंगे। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में सोमवार को राजभवन में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव अनिल कुमार खाचीने इस पर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने जानकारी दी कि किसानों और बागवानों को अपने उत्पाद मंडियों तक लाने के लिए किसी भी प्रकार के पास की आवश्यकता नहीं है।
इसके लिए उन्हें मौजूदा प्रतिबंध में पूर्ण रूप से छूट दी गई है। उन्होंने इस मौके पर राज्यपाल को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हिमाचल में किए गए प्रबंधों और वर्तमान जानकारी से अवगत कराया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि जल्द ही प्रदेश में सेब सीजन शुरू होने वाला है। बागवानों को मंडियों में उनके उत्पाद का उचित दाम मिल सके, इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता हो तो मंडी मध्यस्थता योजना के तहत प्रापण मूल्य को बढ़ाने पर सरकार विचार कर सकती है, ताकि बागवानों को हानि न हो।
कृषि उत्पाद संशोधन विधेयक पर भी चर्चा बैठक में कृषि उत्पाद संशोधन विधेयक पर भी चर्चा की गई। राज्यपाल ने कहा कि आवश्यकतानुसार विधेयक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में तेजी लाई जा सकती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य आरडी धीमान ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाया गया है। उन्होंने कहा कि फ्लू जैसे लक्षण के सभी व्यक्तियों के नमूने एकत्रित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आईसोलेशन सुविधा पर्याप्त है और कुछ रिजर्व में रखे गए हैं।
हॉटस्पॉट क्षेत्रों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है और वहां जरूरी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कल हुए सभी मामलों की जांच निगेटिव आई है। राज्यपाल ने प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रबंधों पर संतोष व्यक्त करते हुए भावी रणनीति पर कार्य करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्यपाल ने सराहा अर्जुन का ड्यूटी के प्रति समर्पण राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सिरमौर जिले में तैनात कांस्टेबल अर्जुन के ड्यूटी के प्रति समर्पण की जमकर सराहना की है। उन्होंने डीजीपी सीताराम मरडी को पत्र लिखकर कांस्टेबल को प्रोत्साहित करने के लिए कहा है। कहा कि अर्जुन ने कोरोना के संकट में अपने फर्ज को अधिक महत्व देकर मिसाल कायम की है। कांस्टेबल अर्जुन सही मायने में कोरोना वॉरियर और अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। राज्यपाल ने यह पत्र अमर उजाला की ओर से अर्जुन के इस सराहनीय कार्य को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद लिखा है।
सिरमौर पुलिस में तैनात कांस्टेबल अर्जुन के नवजात बेटे की मौत हो गई थी, लेकिन कोरोना मरीजों की ड्यूटी में तैनात अर्जुन ने मृत बेटे को छुआ तक नहीं। वह ढांढस बंधाने के लिए पत्नी को गले भी नहीं लगा पाए। दूर से ही बात करते रहे। कांस्टेबल ने नवजात बेटे को दफनाने की प्रक्रिया निभाई, लेकिन उसे छू तक नहीं पाए। दूर से ही मिट्टी डालने की रस्म निभाई। इसके बाद फिर ड्यूटी पर नाहन आ गए। सिरमौर में कोरोना पॉजिटिव एक जमाती को बद्दी तक छोड़ने के लिए अर्जुन भी पुलिस टीम के साथ गए थे। अर्जुन के इस त्याग को अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो राज्यपाल ने अब डीजीपी को पत्र लिखकर उन्हें प्रोत्साहित करने को कहा है।
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