News portals-सबकी खबर (टिम्बी ) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों पर गठित 5 विभागों की कमेटी ने निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का दौरा किया। इस दौरान कंपनी के काम में भारी अनियमितताएं पाई गई कंपनी के कर्मचारी अनियमिताओं के संबंध में प्रशासनिक टीमों को सही जवाब नहीं दे पाए जिस पर कंपनी के अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगी।जानकारी के अनुसार HES की सबलेट कम्पनी रूद्रनव कंपनी के पैकेज 3 की हैं। यहां रूद्रनव नामक कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के चौड़ीकरण का काम कर रही है। यहां सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। यही नहीं कंपनियों ने अवैज्ञानिक ढंग से काम कर पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। करोड़ मेट्रिक टन मालवा नदी नालों के किनारो में फेंका गया है। मलबे से हजारों बीघा जमीनों पर जमीनों पर पेड़, पौधे, घास, झाड़ियां और जड़ी बूटियां नष्ट हो गई हैं। यही नहीं पीने के पानी की कई स्कीमें, सिंचाई नहरें और सैंकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन नष्ट हो गई हैं। गलत कार्यप्रणाली की वजह से हजारों बीघा जमीनों पर और कई गांवों व बस्तियों पर खतरा मंडरा रहा है। इस सम्बंध में एडीसी सिरमौर और अधिकारियों ने कंपनी के अधिकारियों से जानकारी मांगी तो कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजेर विजय मिश्रा न तो संतोष जनक जवाब दे पाए ना ही डंपिंग से संबंधित कागजात पेश कर पाए। जांच के दौरान कंपनी के अधिकारी एनजीटी द्वारा गठित कमेटी को लगातार भ्रमित करने का प्रयास करते रहे। सरकारी अधिकारि कंपनी की मंशा भांप गए। लिहाजा कंपनी के पीएम को कड़ी फटकार लगी। कमेटी के अध्यक्ष अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर एलआर वर्मा ने रुद्र नाव के प्रोजेक्ट मैनेजर विजय मिश्रा को कड़ी फटकार लगाई उन्होंने कंपनी के अधिकारी को स्पष्ट शब्दों में कहा आप गुमराह करने का प्रयास न करें। क्या बोले एडीसी एलआर वर्मा, आप भी सुनिए।
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