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16वे दिन नेशनल हाइवे पांवटा – गुम्मा कच्ची ढांग प्रशासन ने छोटी गाड़ियों ओर बसों के लिए बहाल कर दिया था । लेकिन बहाल सड़क पर कच्ची ढांग में अभी भी सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित नही है। कभी हो यहां बड़ा हादसा हों सकता।
ये बात मंगलवार को समाजसेवी नाथूराम राम चौहान ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कच्ची ढांग में नेशनल हाईवे को नेताओं के तबाव में आकर जल्द बाजी में प्रशाशन ने मार्ग को बहाल किया है । ऐसे में गिरिपार क्षेत्र की लगभग 70 पंचायतों के लोग के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है । नाथूराम चौहान ने कहा कि मार्ग बंद होने पर पुलिस व प्रशासन और मशीने वहाँ पर मोके पर थी लेकिन अब मार्ग बहाल होने पर अब न कोई मशीन , न प्रशाशन का कोई व्यक्ति ओर न ही कोई पुलिस बल , ऐसे में गिरिपार क्षेत्र के लोगो के जीवन से एक बार फिर खिलवाड़ किया जा रहा है ।
नाथू राम चौहान ने गिरिपार क्षेत्र के लोगो की मुसीबतें को देखते हुए प्रशासन से मांग की है कि जब तक वैकल्पिक मार्ग नही बनता तब तक कच्ची ढांग के पास दिन रात 2 मशीन, प्रशासनिक कर्मचारी,108 एम्बुलेंस ओर पुलिस बल के जवान तैनात हो ताकि समय रहते समय पर हादसों से लोगो को बचाया जा सके । नाथू राम चौहान ने कहा कि कच्ची ढांग में बनाई गई सड़क अभी भी कच्ची है जो कि कभी धंस सकती है ।
उन्होंने कहा कि सोमवार देर रात एक गाड़ी कच्ची ढांग में फंसी हुई थी जिसको सतौन के स्थानीय लोगो ने बाहर निकाला ऐसी परिस्थिति में क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा के पुख्ते इंतजार होना आवश्क है । वही नाथू राम चौहान ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि भू विज्ञानिक की टीम से कच्ची ढांग को जांचा जाए आखिर यह ढांग बार बार क्यों धंस रहा है इसका पता लगाया जाए ओर इस मार्ग पर वाहनो को बहाल करने पर कोई हादसा न हो । बता दे कि गिरिपार क्षेत्र के करीब 70 पंचायतों के लोगो का इस मार्ग से आना जाना रहते है जिसके चलते कच्ची ढांग में कोई व्यक्ति न फंसे इसलिए यहाँ पर प्रदेश सरकार को पुख्ते इंतजाम करे । गिरिपार क्षेत्र में त्यौहार का समय शरू हो गया है जिसके चलते व्यापारी लोग समान की खरीदारी के लिए पांवटा साहिब में आना जाना रहता है ।
दरअसल कच्ची ढंग का यह हिस्सा पहले भी कई बार इसी तरह टूट चुका है। लिहाजा अब भी यहां सड़क टूटने के आसार लगातार बने हुए हैं। ऐसे में इस हिस्से की भूगर्भ वैज्ञानिकों की उच्च स्तरीय टीम द्वारा गहन जांच और सड़क मार्ग के विकल्प की मांग उठ रही है। नाथूराम चौहान ने भी मांग उठाई है कि इस क्षेत्र की भूगर्भ वैज्ञानिकों के उच्चस्तरीय टीम से जांच करवाई जाए ताकि समस्या का स्थाई निदान हो सके।
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