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शिमला-किन्नौर एनएच में एनएचएआई ने सडक़ किनारे बने कब्जे हटाए हैं। इस मार्ग पर कुफरी, ठियोग और नारकंडा तक कब्जे हटाए गए हैं। इन जगहों पर छोटी-छोटी चाय की दुकानें बनाई गई थी। इन दुकानों में पर्यटकों के लिए खाद्य वस्तुएं परोसी जा रही थी, लेकिन अवैध कब्जा होने की वजह से इन्हें हटा दिया गया है। लोक निर्माण विभाग ने अपने अधीन मार्गोंपर भी कब्जे हटाने का सिलसिला शुरू कर दिया है।हाई कोर्ट के आदेश के बाद एनएचएआई ने कालका-शिमला और शिमला-किन्नौर नेशनल हाई-वे के किनारे बने कब्जे हटाने शुरू कर दिए हैं। इन कब्जों को हटाने के बाद एनएचएआई को हाई कोर्ट में रिपोर्ट देनी होगी। हाई कोर्ट ने एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग से अवैध कब्जे हटाने को लेकर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। एनएचएआई को पहली दिसंबर तक इस मामले के संबंध में जवाब दाखिल करना है। कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पर परवाणू से कैंथलीघाट तक एनएचएआई ने सभी बड़े कब्जे हटा दिए हैं, जिन कब्जों को नहीं हटाया जा सका है उनमें राजस्व विभाग की मदद ली जा रही है।
बता दे है कि प्रदेश हाई कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर राष्ट्रीय, राज्य या अन्य राजमार्गों से सभी अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। लोक निर्माण विभाग ने एक हलफनामा दायर कर अतिक्रमण के 472 मामले बताए हैं। इस आदेश के बाद अब एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग सक्रिय तौर पर अवैध कब्जे हटा रहे हैं। उधर, एनएचएआई के परियोजना निदेशक आरएस खुलार ने बताया कि नेशनल हाई-वे से अवैध कब्जे हटाने का सिलसिला तेज कर दिया है। परवाणू से कैंथलीघाट तक अवैध कब्जे हटाने का क्रम शुरू कर दिया है।
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