Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 23, 2024

ग्रीष्मकालीन प्रवास के लिए मैदानी इलाकों से गिरिपार पंहुचे घुमंतू पक्षी

News portals-सबकी खबर(संगड़ाह)

जिला सिरमौर के गिरिपार तथा अन्य पहाड़ी इलाकों में इन दिनों मैदानी क्षेत्रों से गृष्मकालीन प्रवास पर आए लाखों घुमंतू पक्षी अगले छः माह के लिए डेरा जमा चुके हैं। क्षेत्र में अप्रेल में पंहुचने वाले Summer Viaiter Birds में स्थानीय भाषा में घुघती कही जाने वाली डव प्रमुख है तथा Ghugti की 5 उपजातियां इलाके में देखी जा सकती है। पक्षी प्रेमियों अथवा वन्य प्राणी विशेषज्ञों के अनुसार डव अथवा घूघी के अलावा दो किस्मों के पैराकिड्स अथवा तोते, कुकू, कोयल तथा बुलबुल आदि परिंदे भी इन दिनों भारी संख्या में हिमालयी जंगलों में पंहुचते हैं। उक्त परिंदों की गणना हालांकि अब तक Wild Life अथवा वन विभाग द्वारा नहीं की गई हैं, मगर क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार Greater Sirmaur में तीन लाख के करीब गृष्मकालीन प्रवासी पक्षी गर्मियां बिताने पहुंचते हैं।

पंजाब, हरियाणा व प्रदेश के विभिन्न मैदानी इलाकों से आने वाले इन परिंदों की खास बात यह है कि यह इसी क्षेत्र में प्रजनन अथवा बच्चे पैदा करते हैं तथा अपने परिवार के नए सदस्यों के साथ मैदानी इलाकों को लौट जाते हैं। इन दिनों इनके Nesting अथवा घोंसले बनाने की प्रक्रिया जारी है तथा इसके बाद मेटिंग व फिर प्रजनन का प्रक्रिया शुरू होती है। सदियों से पहाड़ों में गर्मियां बिताने आने वाले इन परिंदों का जिक्र क्षेत्र के लोकगीतों में भी बार-बार आता है तथा गिरिपार अथवा सिरमौर की दर्जन भर से अधिक नाटियों में डब अथवा घुघूती की मनमोहक कूक व आकर्षण रंग रूप का जिक्र आता है। गेहूं, हरी मटर, गर्मियों में उगने वाले जंगली फल तथा कीड़े मकोड़े इन परिंदों का प्रिय भोजन है। इन दिनों क्षेत्र के बुरास अथवा Rhododendrons व काफल के Himalyan Forest इनके पसंदिदा ठिकाने बने हैं।

सुबह धूप खिलने से पहले ही उक्त परिंदे चहचहाना अथवा अपने गीत सुनाना शुरू कर देते हैं। मैदानी इलाकों में इन दिनों पारा 40 पारा पंहुचना तथा हिमालयी जंगलों की ठंडक इनके प्रवास का प्रमुख कारण बताया जाता है। क्षेत्र के बुजुर्गों के अनुसार आज भी इनकी तादाद उतनी ही देखी जाती है, जितनी कि, दशकों पहले हुआ करती थी। इनमें से कुछ पक्षियों का लोग मीट के लिए शिकार भी करते हैं, हालांकि क्षेत्रवासियों तथा वन्य प्राणी विभाग के कर्मचारियों के अनुसार आमतौर पर इन्सानों से दूर रहना पसंद करने वाले इन परिंदों का Hunting आसान नहीं है। समर विजिटर परिंदे हर बार न केवल पक्षी प्रेमियों, बल्कि स्थानीय लोगों तथा क्षेत्र में आने वाले Tourist के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं। बहरहाल मैदानी इलाकों की तेज गर्मी से बचने के लिए उक्त परिंदे गिरिपार के सदाबहार हिमालई जंगलों के प्रवास पर पहुंच चुके हैं। आगामी अक्टूबर माह में अपने नए परिवार अथवा बच्चों के साथ यह मेहमान मैदानी इलाकों में लौट जाएंगे।

Read Previous

वन विभाग ने मंदिर से बरामद किए देवदार के 143 नग

Read Next

सिरमौर में 8 से 11 मई तक जिला स्तरीय रेड क्रॉस मेला का किया जाएगा आयोजन – गौतम

error: Content is protected !!