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देश भर में कोरोना के भये को देखते हुए हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए और अधिक निवारक उपाय करने को लेकर दायर एक मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर याचिका का जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश्वर सिंह चंदेल द्वारा दायर एक याचिका पर दिए।
याचिका में आरोप आरोप लगाया गया है कि हालांकि प्रदेश में कोरोना का कोई पुष्ट मामला नहीं है, परंतु दिल्ली के समीप होने के कारण प्रदेश में बराबर इसके फैलने का जोखिम बना हुआ है। आरोप है कि प्रदेश में बहुत से पर्यटक, नेपाली नागरिकों की आमद अधिक है और इस वायरस का समय पर पता लगाने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा नहीं है। याचिकाकर्ता ने सरकारी इमारतों और अदालतों सहित सरकारी परिसरों में जनता के प्रवेश को प्रतिबंधित करने सहित बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न निवारक उपाय सुझाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यद्यपि राज्य सरकार निवारक उपाय कर रही है, लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि कोरोना वायरस के संदिग्धों, रोगियों के लिए केवल चार नामित आइसोलेशन वार्ड आबंटित किए गए हैं अर्थात आईजीएमसी शिमला और आरपीएमसी टांडा में दो-दो।
उन्होंने सुझाव दिया है कि अल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर और मास्क की जमाखोरी और ब्लैकमार्केटिंग से बचने के लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड के आधार पर बिक्री की जा सकती है। याचिका में उत्तरदायी अधिकारियों को जरूरी उपायों को लागू करने और न्यायालय को इस आशय की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश देने की प्रार्थना की गई है। राज्य में कोरोना के संबंध में तेजी से विकसित हो रही स्थिति पर नजर रखने के लिए एक विशेषज्ञ निकाय, डाक्टरों और कार्यकारी समिति की नियुक्ति की भी प्रार्थना की है।
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