अब जिलों में अगर कोविड टेस्ट संख्या घटी, तो जिला मेडिकल ऑफिसर का कटेगा वेतन
News portals-सबकी खबर (शिमला)
प्रदेश में जिस तरह से अब जिलों में संक्रमण को लेकर ढील होने लगी है, उस पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाकर सख्ती दिखाई है। अब प्रदेश सरकार हर माह के अंत में कोविड के सैंपल्स का आकलन करेगी। इसके साथ ही यह देखा जाएगा कि किस जिले में कितने कोविड सैंपल भरे गए है।राज्य सरकार ने फटकार लगाते हुए कहा है कि सभी जिला मेडिकल ऑफिसर, एमएस व प्रिंसिपल कोविड के सैंपल बढ़ाएं।
इसके साथ ही सरकार ने यह भी आदेश जारी किए हैं कि जिलों के कोविड अस्पतालों में पूरी सुविधाएं दी जाएं। कोविड मरीजों की काउंसिलिंग कर साथ ही उन्हें अनदेखा न कर उनसे स्वास्थ्य संबंधी अपडेट ली जाए।जिलों में अगर कोविड टेस्ट संख्या घटी, तो जिला मेडिकल ऑफिसर का वेतन कटेगा। राज्य सरकार ने सीएमओ से इस बाबत चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही मेडिकल ऑफिसर को बकायदा अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव ने फोन कर कोविड के सैंपल्स बढ़ाने के आदेश दिए हैं। सरकार ने इस पर नराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि अब प्रदेश में कोविड मरीजो की सैंपलिंग में काफी गिरावट आ गई है। पहले जहां प्रदेश में औसतन चार हजार से ज्यादा सैंपल एक दिन में भरे जाते थे, वहीं अब डेढ़ हजार तक ही यह सीमित रह गया है।
फिलहाल सरकार ने जिलो के बड़े अस्पतालों को भी यह कहा है कि वहां पर भी सैंपल की संख्या को बढ़ाया जाए। बता दें कि सरकार एमएस, प्रिंसिपल की कोरोना के बीच में सैंपल को लेकर क्या भागीदारी है, इस पर अपडेट लेगी। सरकार ने कहा कि कोविड के शुरूआती दौर में जब कम मामले पॉजिटिव आ रहे थे, , तो ज्यादा संख्या में सैंपल भरे जाते थे, लेकिन अब जब कोविड मरीजों की संख्या सैकड़ों में रोज हो रही है
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