न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर(ददाहू)
शुक्रवार को सिरमौर जिले के ददाहू के बड़ोन गांव के विवेक जैसे ही घर पहुंचे, उनका जोरदार स्वागत हुआ।विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट फतह कर घर लौटे एनएसजी कमांडो विवेक ठाकुर के पहली बार अपनी ढाई माह की बेटी को देख आंसू छलक आए।
विवेक और उनकी टीम ने 30 मई को अपना लक्ष्य हासिल किया। डेढ़ माह बाद छुट्टी मिलने पर वह जैसे ही घर पहुंचे उनकी मां के आंसू छलक गए। मां ने आरती उतारकर उनका स्वागत किया। विवेक ने बेटी को चूमा और उसे गले लगा लिया।
बता दें कि विवेक की बेटी सर्वेष्ठा ठाकुर का जन्म 22 अप्रैल को हुआ था। उस दौरान मिशन एवरेस्ट फतह पर थे। 30 मार्च को भारत सरकार के गृह सचिव राजीव गोबा ने 16 सदस्यीय टीम को तिरंगा और एनएसजी का ध्वज देकर दिल्ली से एवरेस्ट के लिए रवाना किया था।
मां ने पहले बेटे को सीने से लगाया, फिर तिलक किया। पत्नी प्रियंका ने भी उनकी आरती उतारकर उनका गृह प्रवेश करवाया। भाई कुलदीप ठाकुर और भाभी अंजना भी खुशी से फूली नहीं समा रही थीं।
विवेक भी इस टीम के सदस्य थे। दो माह तक 8848 मीटर ऊंची एवरेस्ट चोटी को फतह करके वह 31 मई को सुरक्षित बेस कैंप पहुंचे। डेढ़ माह बाद जब विवेक घर पहुंचे तो उनके युवा साथियों के साथ-साथ उनकी मां यशोधा देवी की खुशी का ठिकाना नहीं था।
नवयुवक मंडल बड़ोन के प्रधान निकुंज ठाकुर, महिला मंडल प्रधान मीरा देवी, नवदुर्गा आईटीआई बड़ोन के निदेशक इंद्र प्रकाश गोयल आदि युवाओं ने बड़ोन के प्रवेश द्वार पर विवेक का स्वागत कर उन्हें घर तक पहुंचाया।
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