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हिमाचल चुनाव आयोग ने वर्ष 1995 के बाद पहली बार अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला लिया है। की इससे पूर्व निर्वाचन आयोग को आधार मानते हुए 1 जनवरी 2020 को 18 साल पूरे कर चुके वोटरों के नाम ही आयोग मतदाता सूची में शामिल करता रहा है।इस व्यवस्था से करीब डेढ़ लाख और नए वोटर मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे। हिमाचल चुनाव आयोग आयुक्त पी. मित्रा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोग के अधिकारियों की अहम बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
इस बार आयोग को पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए करीब 25 हजार मतदान केंद्र बनाने पड़ेंगे। पिछली बार कुल 20,350 केंद्र बनाए थे। इस बार करीब 405 नई पंचायतों का गठन किया जा रहा है। इन पंचायतों में 5, 7 या 9 वार्ड नए बनाए जाने हैं। इस तरह करीब दो हजार नए पोलिंग स्टेशन और बनेंगे। इनके लिए अतिरिक्त मतपेटियों की व्यवस्था आयोग को करनी होगी। इसके लिए सीमावर्ती राज्यों से मतपेटियां जुटाने की व्यवस्था का जिम्मा संबंधित जिला उपायुक्तों को सौंपा जाएगा।
राज्य चुनाव आयोग मतदान के दौरान थर्मल स्कैनर, मास्क और सैनिटाइजर जुटाने का मामला राज्य सरकार से उठाएगा। अगर प्रदेश में तीन चरणों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव कराए जाते हैं तो कम से कम आठ हजार थर्मल स्कैनरों की जरूरत होगी। अगर आयोग थर्मल स्कैनर खरीदता है तो यह बाद में किसी काम नहीं आएंगे। इस कारण से आयोग चाहता है कि थर्मल स्कैनर खरीदे जाते हैं तो बाद में ये स्कूलों या अस्पतालों में उपयोग के लिए दे दिए जाएं। इसके अलावा चुनाव आयोग ने राज्य में नई पंचायतों और निकायों के वार्ड जल्द बनाने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि चुनाव समय पर कराए जा सकें।
चुनाव से 15 दिन पहले चुनाव आयोग कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा।
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