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आज के आधुनिक युग में आधुनिक मशीनों से कार्य करने की क्षमता को बढाता है जिसको लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विदेशों के तर्ज पर अब प्रदेश में भी स्नो ब्लोअर मशीन का इस्तेमाल होगा। बताया जा रहा है की लोक निर्माण विभाग इन मशीनों को खरीदने जा रहा है। शुरुआत में दो ही मशीनें खरीदी जाएंगी, इन्हें जरूरत वाली जगहों पर शिफ्ट किया जाएगा। खास बात यह है कि पहाड़ी सरचना वाले क्षेत्रो में इसका इस्तेमाल होगा। जबकि शहरों में इसका इस्तेमाल नही किया जायगा | शहरी इलाकों में स्नो ब्लोअर का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा।दरअसल, यह ब्लोअर सडक़ से बर्फ को हटाकर उसे दोनों ओर फेंक देता है। शहरों में घनी आबादी है और सडक़ किनारे घर बने हुए हैं। ऐसे में ब्लोअर से फेंकी गई बर्फ इन घरों को नुकसान पहुंचा सकती है। लोक निर्माण विभाग को मशीनें खरीदने की मंजूरी मिल गई है। इन दोनों मशीनों की खरीद पर चार करोड़ 74 लाख रुपए खर्च आने वाला है। एक मशीन दो करोड़ 37 लाख रुपए की है। इससे पूर्व प्रदेश के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़े हिस्सों में बीआरओ इस तरह की मशीनों का इस्तेमाल कर रहा है। यह मशीने भारी-भरकम बर्फ को हटाने में काम आती हैं। यहां छोटी मशीनों और अन्य माध्यमों से ही बर्फ हटाई जाएगी। आचार संहिता हटते ही खरीददारी स्नो ब्लोअर की खरीद को मंजूरी मिल चुकी है और इसके लिए बजट भी तय कर दिया है।
आचार संहिता होने की वजह से किसी भी तरह की खरीद के टेंडर फिलहाल नहीं हो पा रहे हैं। दिसंबर में ही बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है। ऐसे में विभाग ने यह तय किया है कि आठ दिसंबर को परिणाम निकलने के बाद जैसे ही प्रदेश से आदर्श आचार संहिता हटेगी मशीनों की खरीद तेज कर दी जाएगी। स्नो ब्लोअर आने के बाद शिमला-किन्नौर नेशनल हाई-वे को तत्काल खोलने में मदद मिलेगी। विभाग दो में से एक मशीन राजधानी शिमला से बाहरी क्षेत्रों की बर्फ को हटाने में तैनात कर सकता है। यदि इनके इस्तेमाल से सफलता मिलती है, तो भविष्य में अतिरिक्त ब्लोअर भी खरीदे जाएंगे।
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