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राजधानी में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर नौ करोड़ की राशि से बिजली फोन की तारों व पानी, सीवरेज लाइनों को अंडर ग्राउंड किया जाएगा, जिससे शहर में कहीं भी बार-बार खुदाई नहीं करनी पड़ेगी। वहीं, शहर में अधिकतर ऐसे स्थान हैं जहां खुले में बिजली की तारों का जाल बना रहता है, लेकिन अब स्मार्ट सिटी के तहत इन बिजली की तारांे के जाल को भी अंडर गाउंड किया जाएगा।
नगर निगम शिमला ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मालरोड के नीचे अंडर ग्राउंड डक्ट बनाने का फैसला लिया है। इस एक मीटर चौड़े और दो मीटर ऊंचाई वाले डक्ट से ही सभी तरह की पाइपें और तारें डाली जानी हैं। शहर में जगह-जगह बिजली की तारें व पानी की पाइपें खुले में होती हैं। वहीं, माल रोड नर कैबल बिछाने के लिए कई बार खुदाई की जाती है। कई बार सैलानी सीजन में भी माल रोड की खुदाई की जाती है, जिससे यहां आने वाले सैलानियों को काफी खटकता है। शिमला का माल रोड एक ऐसा स्थान है जो सैलानियों का पसंदीदा स्थान है। यहां पर सैलानियों को टहलना व सेल्फी लेना बेहद पसंद है।
स्मार्ट सिटी के तहत तारघर से लेकर शिल्ली चौक तक तारों का जाल नहीं दिखाई देगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम किया जाएगा। माल रोड, लोअर बाजार, बस स्टैंड में भवनों के ऊपर बिजली के तारों का जाल बिछा होता है। जो देखने में भी अच्छा नहीं लगता। वहीं, माल रोड की नालियों में पानी जमा रहता है। इससे आसपास गंदगी जमी रहती है। इससे लोगों को काफी आने जाने मंे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस प्रोजेक्ट के तहत शिमला शहर की खूबसूरती को चार चांद लग जाएंगे।
वहीं, खास बात तो यह है कि स्मार्ट सिटी के तहत इस कार्य के लिए अंडर ग्राउंड कैमरे व लाइट्स भी लगाई जाएंगी। अंडर ग्राउंड तारों में कहां क्या खराबी हुई है इस बात की भी जानकारी मिल पाएगी। इसी के साथ ही अंडर ग्राउंड पाइपों में लगे तारों को चोरी होने से बचाने के लिए भी ये कैमरे काफी मददगार साबित होंगे। पूरे प्रोजेक्ट पर नौ लाख खर्च किए जाने हैं। बताया जा रहा है कि यह कार्य दिल्ली की एक सलाहकर कंपनी को सांैप दिया गया है। नगर निगम आयुक्त पंकज राय ने बताया कि शहर में बिजली का जो जाल बना रहता है। इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अडंर ग्राउंड किया जाएगा।
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