News portals-सबकी खबर (शिमला )
कोविड-19 ने भले ही हिमाचल को बहुत रुलाया हो, लेकिन इस बीच अच्छी खबर है कि संक्रमण के बीच राज्य में बाल तस्करी के मामलों में गिरावट आई है। बाल अधिकार सरंक्षण आयोग का दावा है कि संक्रमण के बीच होटल, ढाबे जिस तरह बंद रहे, तो उससे बाल तस्करी व चाइल्ड लेबर के मामलों में 80 प्रतिशत तक की गिरावट आई। बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्षा वंदना ने कहा कि राजधानी में पहला एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने देवभूमि हिमाचल को शर्मसार कर दिया। हिमाचल में लेबर चाइल्ड व बाल तस्करी के मामले रोकने के लिए बाल सरंक्षण आयोग समाजिक संस्थाओं की मदद लेगा।
आयोग ने राज्य के सभी समाजिक संस्थाओं का आह्वान किया है और कहा है कि एक बार फिर से अब बॉर्डर खुलने के बाद बाल तस्करी के मामले सामने आ सकते हैं। बाल संरक्षण आयोग का मानना है कि दिल्ली, मध्यप्रदेश से बाल तस्करी के मामले हिमाचल में सामने आते हैं। बाहरी राज्यों से छोटे बच्चों को हिमाचल में मजदूरी के लिए लाया जाता है। बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ने शिमला के टुटू क्षेत्र में 14 साल की बच्ची को गुलाम बनाए जाने वाले मामले का हवाला देते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं अब दूसरी बार नहीं होनी चाहिए।
अब प्रदेश में जितनी भी सामाजिक संस्थाएं हैं, वे अपने क्षेत्रों में बाल तस्करी के मामलों पर नजर रखेंगी। इसके साथ ही बाल शोषण यानी 18 साल की कम आयु के बच्चों के साथ किए जा रहे शोषण को लेकर अब बाल सरंक्षण आयोग सख्त हो गया है। बताया जा रहा है कि कोविड की वजह से कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में अब बाल शोषण के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। एक बार फिर बाहरी राज्यों से बाल तस्करी के तहत छोटे बच्चों को लाया जा सकता है। ऐसे में अब संस्थाओं से मदद ली जाएगी, ताकि बाल तस्करी के मामले रोके जा सकें।
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