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हिमाचल प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों पर लगभग एक हजार करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे, जिस पर 250 लाख कार्य दिवस अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह विचार ग्रामीण विकास, पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने राज्य स्तरीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा हिपा में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान व्यक्त किए।
मंत्री ने बताया कि वर्ष 2021-22 में अब तक मनरेगा के अंतर्गत 158 लाख कार्य दिवस अर्जित किए जा चुके हैं, जिस पर लगभग 550 करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में अब तक एक लाख 66 हजार कार्य आरंभ किए जा चुके हैं, जिसमें से एक लाख 22 हजार कार्य प्रगति पर है तथा 44 हजार 603 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी अधिकारियों को गांव से गरीबी खत्म करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है तथा अधिकारियों को पंचायत वार एक साल पांच बड़े काम करने का लक्ष्य निर्धारित किया जाना आवश्यक है, जिससे एक साल में पंचायत के 25 कामों को पूर्ण किया जा सके तथा साल के अंत में इसका आकलन कर सर्वश्रेष्ठ विकास खंड को सम्मानित भी किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष 100 पंचवटी पार्कों का निर्माण मनरेगा कंवरजेंस से किया जा रहा है तथा प्रदेश में 166 सरकारी प्राथमिक पाठशालाओं का चयन किया गया है, जिन्हें विकसित करके आदर्श विद्यालय बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी संबद्ध विभागों के साथ अभिसरण करके अगले वर्ष 300 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे तथा सभी पंचायतों में जीआईएस प्लांनिग लागू की जाएगी।
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