News portals-सबकी खबर (राजगढ )एकीकृत विकास परियोजना की राजगढ ईकाई द्वारा एकीकृत विकास परियोजना ( IDP ) नाहन के सौजन्य से आज राजगढ मे प्राकृतिक खेती विषय पर किसानो के लिए एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया । यह जानकारी देते हुये सहायक परियोजना अधिकारी राजगढ़ ईकाई राकेश ठाकुर ने बताया कि इस शिविर मे विषेश रूप कृषि प्रसार अधिकारी नाहन विशाल कुण्डलं व् खण्ड तकनीकी राजगढ़ चेत राम ने किसानो को प्राक्रतिक खेती व उसके घटक के बारे में जानकारी दी | इस मौका पर किसानो को संबोधित करते हुये बताया गया कि पद्मश्री सुभाष पालेकर द्वारा तैयार की गई प्राक्रतिक खेती प्रणाली से अगर खेती व बागवानी की जाये तो इससे किसी भी खाद्यान्न , सब्जी या बागबानी की फसल के उत्पादन पर लागत मूल्य जीरो या लगभग आती है |इस खेती द्वारा मुख्य फसल का लागत मूल्य अन्नवर्ती मिश्र फसलो के उत्पादन से निकाल लिया जाता है और मुख्य फसल बोनस के रूप में प्राप्त हो जाती है | इस मौका पर किसानो को जीवामृत , घन जीवामृत व बीजामृत बनाने की विधी के बारे मे विस्तार से बताया गया | शिविर में यह भी जानकारी दी गयी कि प्राक्रतिक खेती में केवल देसी गाय का गौबर और गौमूत्र उपयोग में लाना होता है | इसमें आधा गौबर बैल का मिलाया जा सकता है लेकिन भैंस , जर्सी और होल्स्टीन गाय का मूत्र वर्जित है | यह भी जानकारी दी गयी कि गौबर जितना ताजा होगा उतना अच्छा होगा और गौमूत्र जितना पुराना होगा उतना लाभाकरी होगा | साथ ही फसल सुरक्षा उपाय के लिए प्राक्रतिक कीटरोधक नीमास्त्र , अग्नि अस्त्र , ब्रमास्त्र , दक्षप्रणी अर्क आदि की जानकारी दी गयी | शिविर के दौरान किसानो की समस्याओं को भी जाना गया और उन्हें विभाग द्वारा दी जा रही योजनाओं के वारे में बताया गया | शिविर में 5 पंचायतो के किसानो ने भाग लिया | शिविर में वन प्रसार अधिकारी राजगढ़ रणजीत ठाकुर व आलोक ठाकुर तथा सामजिक प्रसार अधिकारी ममता व मधुवाला में उपस्थित रहे और जिन पंचायतो के किसानो ने भाग लिया उसमे बोहल टालिया, भाणत , दीदग , सैर तंदुला व भराड़ी आदि शामिल है ।
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