News portals-सबकी खबर (सोलन ) प्रदेश की 3618 ग्राम पंचायतों में से 948 में किए गए सोशल ऑडिट में 38.29 लाख रुपए का घपला सामने आया है। इसमें से 3.09 लाख रुपए की रिकवरी भी हो गई है।अनियमितताओं के मामले 2981 विकास कार्यों में पाए गए हैं। 38.29 लाख रुपए में से 22.47 लाख रुपए वित्तीय अनियमितताओं व 15.83 लाख रुपए डेविएशन के हैं या यूं कहें कि एक कंपोनैंट का पैसा दूसरे कंपोनैंट पर खर्च किया गया है। मनरेगा में सोशल ऑडिट के लिए गठित सामाजिक अंकेक्षण इकाई ने संबन्धित बीडीओ को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में 38.29 लाख रुपए यह अनियमितता गत वित्त वर्ष 2022-23 की है।मनरेगा की अनियमितता में जिला सिरमौर सबसे आगे है। कांगड़ा में 15.20 लाख रुपए की कथित अनियमितता सामने आई है। प्रदेश में सबसे अधिक गड़बड़ी के मामले मस्ट्रोल व बिलों से संबंधित हैं जो कई पंचायतों के पास मौके पर नहीं मिले। कई ऐसे विकास कार्य हैं जो मौके पर किए गए हैं और पेमैंट का भुगतान भी किया गया है। सामाजिक अंकेक्षण इकाई के निदेशक आरजे नेगी ने बताया कि सोशल ऑडिट में प्रदेश की 948 ग्राम पंचायतों में 38.29 लाख रुपए की अनियमितताओं को प्वाइंट आऊट किया गया है। ग्राम सभा की बैठकों में इसे वैरीफाई किया जाएगा। इस बारे में सभी विकास खंड अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा की बैठकों में सोशल ऑडिट पर चर्चा होगी। इसलिए इस राशि के घटने की उम्मीद है।
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