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हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी (आईएचबीटी) संस्थान पालमपुर ने कोरोना वायरस से बचने की दवा बनाने पर काम शुरू कर दिया है। वैज्ञानिकों ने शुरुआती तौर पर इसकी दवा की बनाने की संभावना जताई है। आने वाले दिनों में सब ठीक रहता है तो आईएचबीटी दो-तीन माह में कोरोना से निजात पाने की दवा तैयार कर सकता है।
आईएचबीटी ने शुरू में इसके लिए कुछ मॉलिक्यूल्स (कई प्रकार के पदार्थ) की खोज भी की है। सूत्रों की मानें तो आईएचबीटी को इसकी दवा तैयार करने में कुछ लैब को लेकर समस्या आ सकती है, लेकिन संस्थान का मानना है कि कोरोना की दवा तैयार करने के लिए आने वाली लैब की समस्या को लेकर यह काम जम्मू या दिल्ली में भी किया जा सकता है। कोरोना से लड़ने के लिए आईएचबीटी बिना केमिकल के हैंड सैनिटाइजर तैयार कर चुका है। संस्थान में अब अगला काम कोरोना की दवा बनाने पर शुरू हो गया है।
आईएचबीटी इससे पहले भी कैंसर और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों को लेकर बनने वाली दवाइयों में अपना योग दे चुका है, जबकि जोड़ों का दर्द और मलेरिया की दवा पर भी शोध चल रहे हैं। उधर, संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि कोरोना की दवा को लेकर फिलहाल संस्थान ने ऐसे मॉलिक्यूल्स की खोज की है, जो कोरोना की दवाई में प्रभावशाली हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दो-तीन माह में संस्थान दवा बनाने में सफल हो सकता है।
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