News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब)
“हिमाचल गौरव” अवार्ड से अलंकृत हुए पत्रकार श्यामलाल पुंडीर को विशेष बैठक के दौरान पावटा दून प्रेस कल्ब के सदस्यों ने जहां “हिमाचल गौरव” अवार्ड मिलने पर बधाईयां दी, वही पदाधिकारियों ने शॉल, टोपी पहनाकर स्मानित किया, ग्राउंड जीरो पर जितना मुश्किल पत्रकारिता करना होता है, उससे कहीं अधिक मुश्किल प्रदेश की पत्रकारिता में हीरे की तरह तराशकर अपनी लेखनी की चमक को निखारना होता है, श्यामलाल पुंडीर ने लेखनी का लोहा समूचे प्रदेश की जनता को दिखाया है, वही यलों पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को निडर पत्रकारिता के मायने क्या है यह बताया है।
श्यामलाल पुंडीर पिछले 25 सालों से पत्रकारिता जगत से जुड़े है, इन्होंने आधा दर्जन संस्थाओं के साथ कार्य करके जनता की आवाज को प्रदेश के शिखर पर बुलंद किया है, आम जनता के दर्द को इनसे अधिक कोई समझ पाए, ऐसा इंसान बिरला ही नजर आएगा, श्यामलाल पुंडीर के जीवन को यदि सही मायने में समझा जाए तो असाहय, गरीब, दुखी, विकलांग सहित उन लोगो पर स्मर्पित नजर आएगा जिनकी आवाज समाज में हमेशा दबाई जा रही हो।यदि इतिहास को खंगाला जाए तो इतिहास के पन्नो पर वह दिन जरूर याद आएंगे, जब श्यामलाल पुंडीर लेखनी के माध्यम से शासन,
प्रशासन के बीच गुसखोरी की जड़ें जनता के सामने रखने का जुनून सिर पर लिए घूमते नजर आते थे, लेकिन ऐसे समय पर गैरों की दहलीज पर अपने खड़े होकर दरवाजे बन्द करते अक्सर नजर आते रहे, वह भी समय देखा गया, जब अपने ही कहने लगे, कि यदि श्यामलाल पुंडीर किसी प्रेसवार्ता में पहुंचा तो पूरी टोली बहिष्कार करने पर उतर आएगी, लेकिन समय को कुछ और ही मंजूर था, कलम की नापाक ताकत कहने वाले यलो पत्रकार आज भी अपने नाम की जमींन खोदते नजर आते है, लेकिन जिस शक्सियत को पत्रकारिता छोड़ने पर हरकदम मजबूर किया गया,
रास्ते में निकलने पर अपनो ने ही “मुंह में राम राम और बगल में छुरी” वाले कार्य किए, आज वही पत्रकार श्यामलाल पुंडीर आदर्श लेखनी वाले पत्रकार बनकर उभरे है तथा पत्रकारिता क्षेत्र में प्रदेश के लिए “हिमाचल गौरव” बनकर उभरे है।इससे पहले पावटा दून प्रेस क्लब की बैठक में सर्वसम्मति से क्लब की नई कार्यकारणी का गठन किया गया है।
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