News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
अब वह दिन दूर नहीं जब उपमंडल संगड़ाह की बड़यालटा घाटी साहसिक खेलों के मानचित्र पर अंकित होगी और यहां से मानव परिंदे उड़ान भरकर रोमांच प्रदान करेंगे। यहां हवा में तैरते रंग-बिरंगे उड़न खटोलों को देखना अब सपना नहीं रहेगा और सिरमौर के लोग आसमान में विहंगम दृश्य के गवाह बनेंगे। पैराग्लाइडिंग विशेषज्ञों ने इस स्थल को उड़ान के लिए उपयुक्त बताया है। अभी तक कांगड़ा जिला की बिलिंग घाटी हवा में उड़ने वाले साहसिक खेल पैराग्लाइडिंग व हैंग ग्लाइडिंग की वजह से दुनिया में नाम कमा चुकी है और यहां कईं अंतरराष्ट्रीय ग्लाइडिंग प्रतियोगिताएं यहां आयोजित हो चुकी है। सब कुछ ठीक रहा तो बिलिंग के बाद अब जल्द ही बड़यालटा का नाम भी साहसिक खेलों के नक्शे पर अंकित हो जाएगा।
सिरमौर जिला के संगड़ाह-हरिपुरधार-चौपाल मार्ग पर बड़यालटा मे पैराग्लाइडिंग का सफल ट्रायल हुआ है। संगड़ाह से करीब 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बड़यालटा नामक स्थान पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से सेवानिवृत्त उपनिदेशक मेलाराम शर्मा द्वारा मानव हिल रिजॉर्ट के नाम से एक पर्यटन स्थल निर्मित किया जा रहा है और उन्होंने बीड़ बिलिंग से पैराग्लाइडिंग के 4 पायलट बुलाकर यहां पर पैराग्लाइडिंग की संभावनाएं तलाशने का प्रयास किया। बीड़ बिलिंग से आए इन पायलेट्स ने हरिपुरधार के आसपास के क्षेत्रों में हवा के रुख का अध्ययन किया और बड़यालटा की सबसे ऊंची चोटी पर हवा के रुख और दबाव को पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त पाकर वहां से उड़ान भरने का निर्णय लिया।
मेलाराम शर्मा ने बताया कि, उसके पश्चात बीड़ बिलिंग से आए पैरा पायलटों ने तलहटी में संगड़ाह-चाढ़ना सड़क मार्ग पर पैराग्लाइडर्स के लैंडिंग का सर्वेक्षण किया और लजवा गांव की समतल जमीन में हवा के दबाव को लैंडिंग के लिए उपयुक्त पाया। इस सर्वेक्षण के पश्चात सबसे पहले बीड बिलिंग के पायलट विजय कुमार ने बड़यालटा में निर्माणाधीन रिजॉर्ट के निकट की चोटी से पहली सोलो उड़ान भरी और 25 मिनट की अवधि में विजय कुमार ने लजवा गांव के चयनित खेत में सफलतापूर्वक लैंडिंग की। इसके पश्चात बीड़ बिलिंग से आए एक अन्य पायलट संदीप कुमार ने मानव हिल रिजॉर्ट के कार्यकर्ता कमल शर्मा को साथ लेकर टेंडम उड़ान भरी और उन्होंने भी लजवा में चयनित स्थल पर सफलता पूर्वक लैंडिंग कर दी। साथ में एक अन्य पायलट मनोज कुमार ने भी सोलो उड़ान भरी और दोनों पैराग्लाइडर्स लजवा में लैंडिंग करने में सफल हुए।
मेलाराम शर्मा ने बताया कि दूसरे दिन भी एक अन्य पायलट संदीप कुमार ने मानव हिल रिजॉर्ट के एक अन्य कार्यकर्ता कृष्ण शर्मा को साथ लेकर टेंडम उड़ान भरी और हवा के बहाव और दबाव का अध्ययन करते हुए लजवा में चयनित लैंडिंग स्थल में पैराग्लाइडर को सफलतापूर्वक उतार दिया। पैराग्लाइडिंग के सफल ट्रायल से इस क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है और पहली बार आसमान में उड़ते पैराग्लाइडर्स को देखकर लोगों में अनोखा उत्साह देखा गया। बीड़ बिलिंग से पैराग्लाइडर्स की टीम के इंचार्ज पायलट मनजीत सिंह मनु ने बताया कि, उन्होंने सर्वेक्षण के उपरांत यहां की हवा के बहाव पर दबाव को पैराग्लाइडिंग के लिए बहुत ही उपयुक्त पाया है और उसके पश्चात ही उन्होंने उड़ान भरने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि पैराग्लाइडिंग की उड़ान के लिए यदि हवा का दबाव और बहाव उपयुक्त न हो तो ऐसी स्थिति में उड़ान भरना संभव ही नहीं होता है। उन्होंने कहा की उड़ान भरने से पहले पैराग्लाइडिंग की लैंडिंग के लिए भी उपयुक्त स्थान और उस स्थान में हवा के उपयुक्त बहाव और दबाव का अध्ययन करना जरूरी होता है। यहां टेक ऑफ और लैंडिंग दोनों के लिए उपयुक्त वातावरण मिलने के कारण ही पैराग्लाइडिंग के ट्रायल सफल हुए हैं।
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