माचल में स्कूलों का खुलना शिक्षकों के माइक्रो प्लान पर निर्भर करेगा
News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिमाचल में स्कूलों का खुलना शिक्षकों के माइक्रो प्लान पर निर्भर करेगा। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि स्कूल खोलने के लिए अभिभावकों की राय भी जरूरी है। सरकार पर सब कुछ छोड़ने की मानसिकता गलत है। ऐसे में शुक्रवार से सरकारी स्कूलों में शुरू होने वाली ई पीटीएम में सात लाख अभिभावकों की शिक्षकों द्वारा इस बाबत नब्ज टटोली जाएगी। इसके अलावा स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या और कमरों की स्थिति के अनुसार शिक्षक अपना प्लान बनाएंगे।
इस प्लान के आधार पर शिक्षा विभाग आगामी दिनों में स्कूल खोलने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में लेकर जाएगा। गुरुवार को यू ट्यूब के माध्यम से शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के साथ संवाद किया। इस दौरान अधिकांश बच्चे स्कूल खोलने के हक में दिखे। कुछ अभिभावकों ने भी नियमित कक्षाएं शुरू करने की बात कही जबकि कुछ अभिभावकों ने कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने का हवाला देते हुए स्कूल बंद रखने और ऑनलाइन पढ़ाई को ही जारी रखने की वकालत की।
कुछ अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री से नौवीं से बारहवीं कक्षा तक विज्ञान संकाय के बच्चों को स्कूल बुलाने की बात भी कही। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि हर बात को सरकार पर छोड़ना सही नहीं है। अगर कुछ गलत हुआ तो सरकार जिम्मेवार और सही रहा तो अभिभावक सही। ऐसी मानसिकता सही नहीं है। सरकार पर सब कुछ छोड़ना गलत है। अपनी जिम्मेवारी से नहीं भागना चाहिए। मिलकर सभी को फैसला लेना है।
अच्छा और बुरा होने की स्थिति में सभी बराबर के हिस्सेदार बनेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा विकट समय किसी ने भी आज से पहले नहीं देखा। सारी दुनिया कुछ पल के लिए रूक गई है। अब इसके साथ जीवन जीने का प्रयास करना है। तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए कोरोना ने मजबूर किया। उन्होंने कहा कि सभी की राय लेने के बाद स्कूल खोलने का फैसला कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।
स्कूल खुलने पर कक्षाओं के भीतर प्रतिज्ञा लेने की अपील
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में स्कूल खुलने पर प्रार्थना सभाएं नहीं होगी। ऐसे में कक्षाओं में जाकर दो मिनट की प्रतिज्ञा लेने की शुरूआत की जाएगी। इसमें शारीरिक दूरी रखने, फेस मास्क पहनने। हर पीरियड के बाद हाथ बीस सेकेंड के लिए धोने, हाथों को सेनेटाइज करने, स्कूल से सीधे घर जाने, घर-परिवार और आसपड़ोस को जागरूक करने, स्कूल से घर पहुंचते ही पहले अपनी साफ सफाई करने और परिजनों से सीधे जाकर ना मिलने की प्रतिज्ञा रोजाना ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अभी समाप्त नहीं हुआ है। वैक्सीन अभी आई नहीं है। ऐसे में एहतियात बरतने की बहुत अधिक जरूरत है। इसके लिए ही प्रतिज्ञा लेने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बाबत जल्द ही शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए जाएंगे।
200 शिक्षकों के रिर्सोस ग्रुप के साथ अलग से होगा संवाद
शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए शिक्षण सामग्री तैयार करने वाले करीब 200 शिक्षकों के रिर्सोस ग्रुप के साथ वे जल्द ही अलग से संवाद करेंगे। इन शिक्षकों ने कोरोना संकट के बीच बच्चों की पढ़ाई को लगातार जारी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने स्कूलों में आ रहे सभी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को भी सरकार की ओर से तय किए गए नियमों का पालन करने की अपील की है।
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