News portals-सबकी खबर (शिमला )
प्रदेश में पीडीएस यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली चरमराने लगी है। जहां पहले डिपुओं में दालें नहीं मिल रही थीं, वहां अब तेल की भी कमी है। हालांकि तेल को लेकर अगले हफ्ते समझौता कर लिया जाएगा, मगर इस महीने सभी डिपुओं में तेल नहीं पहुंचा है। इससे लोगों में खासा रोष है। आम जनता का कहना है कि पिछले कई महीनों से यह व्यवस्था लगातार चरमरा रही है। कभी डिपो में दालें नहीं मिलतीं, तो कभी तेल। इस महीने दालें भी तीन महीने के बाद मिली हैं, लेकिन अब तेल नहीं मिल रहा है।
गौर हो कि पीडीएस प्रणाली के पुख्ता होने के दावे सरकार करती है मगर जमीनी स्तर पर यह दावे हकीकत से परे हैं। हाल ही में खाद्य आपूर्ति विभाग ने इंट्रा कनेक्टिविटी सुविधा आरंभ की है और दावा किया गया है कि राशनकार्ड किसी भी डिपो में चल पड़ेगा, मगर आलम यह है कि डिपुओं में मौजूद मशीनों की कनेक्टिविटी ही दुरुस्त नहीं है। इस कारण एक कार्ड को एंटर करने में ही 15 से 20 मिनट लग रहे हैं। ऐसे में लोगों की कतारें डिपुओं के बाहर लगने लगी हैं। इसके अलावा पूरा राशन भी एक साथ नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं जो सामान नहीं मिलता उसका कोटा अगले महीने मिलेगा, यह भी तय नहीं है, जिस पर भी खाद्य आपूर्ति विभाग कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। डिपुओं में मिलने वाली दालों के रेट भी सरकार बढ़ा चुकी है, जो पिछले साल तीन बार बढ़े थे। पहले केंद्र सरकार की सबसिडी वाली दालें यहां पर समय पर पहुंच रही थीं, लेकिन अब केंद्र सरकार ने सबसिडी बंद कर दी है, जिस कारण से अब दालों के पहुंचने में भी देरी हो रही है। इसी के चलते यहां यहां दालों का रेट भी बढ़ गया है और अब लोग महंगे दामों पर दालें डिपुओं से ले रहे हैं।
इंट्रा कनेक्टिविटी सुविधा के लिए कनेक्टिविटी का दुरुस्त होना जरूरी है, जिसे किया नहीं जा रहा है। इस तरह से पीडीएस प्रणाली के चरमराने से लोगों में खासी नाराजगी है और आने वाले दिनों में यह स्थिति ठीक नहीं होती है तो लोगों को ज्यादा दिक्कत होगी। बहरहाल अब लोग डिपुओं में तेल आने का इंतजार कर रहे हैं। वही, इस बार का कोटा क्या अगले महीने मिल पाएगा, इस पर भी सवाल खड़ा हो गया है।
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