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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों को अब परिवहन की व्यवस्था खुद ही करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार कई लोगों को कोटा, मुंबई, अहमदाबाद, बंगलूरू, दिल्ली आदि से लेकर आई है, लेकिन अब पूरे देश में परिवहन व्यवस्था शुरू हो गई है। ऐसे में लोग खुद भी परिवहन कर पाएंगे। राज्य सचिवालय परिसर में पत्रकारों से अनौपचारिक बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को शुरू कर दिया गया है। बाहर से आने वाले लोगों को प्रदेश के भीतर प्रवेश करने से पहले नियमानुसार पास लेने होंगे। उनका संस्थागत और होम क्वारंटीन भी नियमानुसार होगा।
अनुभवी अधिकारियों का लाभ होगा
सीएम जयराम ठाकुर ने अधिकारियों के तबादले पर कहा कि यह रूटीन में हुए हैं। बजट सत्र के बाद यह तबादले पहले से ही प्रस्तावित थे। दो वरिष्ठ अधिकारियों जेसी शर्मा और आरएन बत्ता की सीएम कार्यालय में हुई नियुक्ति पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह दोनों अनुभवी अधिकारी हैं। राज्य सरकार को इन दोनों अधिकारियों के अनुभव का लाभ होगा। वहीं, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की प्रस्तावित नियुक्ति पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि यह जब होगी तब बता दिया जाएगा। उन्होंने इस सवाल को यह कहकर मुस्कराकर टाल दिया।
बाहर से आए लोगों को एसएमएस से मिलेगी नौकरी की सूचना
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को कोरोना के दृष्टिगत लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में आने वाले प्रवासियों के डाटा बेस बनाने को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से विकसित स्किल रजिस्टर शुरू किया। कहा कि इच्छुक व्यक्ति skillregister.hp.gov.in से पंजीकरण करवा सकते हैं। विभिन्न कंपनियां और औद्योगिक घराने भी पोर्टल पर अपनी आवश्यकताएं दर्ज कर सकते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य में लौटे लोग शैक्षणिक योग्यता, कौशल और नौकरी की आवश्यकताओं के संबंध में जानकारी अपलोड कर सकते हैं।
सीएम ने कहा कि यह पंजीकरण मोबाइल और आधार नंबर पर आधारित होगा। लोगों को एसएमएस से सूचित किया जाएगा। कहा कि इससे राज्य में उपलब्ध कौशल की पहचान करने और कौशल उन्नयन आवश्यकताओं के विश्लेषण में सहायता मिलेगी। यह उद्योगों को एक क्लिक पर कुशल श्रमशक्ति के बारे में जानकारी देने में सहायक सिद्ध होगा। कौशल के बारे में रिपोर्ट जिलावार, शैक्षिक योग्यता वार और कार्य अनुभव के अनुसार तैयार की जाएगी।
कहा कि कौशल रजिस्टर को औद्योगिक घरानों के साथ जोड़ा जाएगा। रजिस्टर में आवश्यकता के अनुसार कौशल उन्नयन का भी प्रावधान होगा। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा ने कौशल रजिस्टर की मुख्य विशेषताओं की जानकारी दी। प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने एक प्रस्तुति दी। कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा, मुख्य सचिव अनिल खाची, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी रजनीश, श्रमायुक्त एसएस गुलेरिया, निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी आशुतोष गर्ग और अन्य उपस्थित थे।
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