News portals-सबकी खबर (शिमला )
59 वर्ष की लंबी राजनीतिक अनुभव की इबारत लिखने वाले राजा वीरभद्र सिंह का पार्थिव देह जैसे ही रामपुर पहुंचा, पूरा रामपुर रो पड़ा। राज दरबार राजा वीरभद्र सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा। हर व्यक्ति भावुक था, हर आंख नम थी। जिस राज दरबार से कभी उनकी आवाज आम लोगों के हित के लिए उठती थी, आज वह आवाज खामोश हो गई। जब वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह को उनके गृहक्षेत्र रामपुर लाया जा रहा था, तो शिमला से लेकर रामपुर तक हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए। राजा वीरभद्र सिंह के अंतिम दर्शन को ठियोग, मतियाना, नारकंडा, कुमारसैन, सैंज, बिथल, नीरथ, भद्राश, दत्तनगर, नोगली और रामपुर में हजारों लोग उनके दर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए। शुक्रवार को उनका पार्थिक शरीर राज दरबार में रखा गया। शाम से ही लोगों के दर्शन करने का क्रम शुरू हो गया। यह क्रम शनिवार दोपहर तक चलेगा।
आज होगा विक्रमादित्य सिंह का राज्याभिषेक
शनिवार को राज प्रथा के मुताबिक पहले विक्रमादित्य सिंह का राज तिलक किया जाएगा। उसके बाद राजा वीरभद्र सिंह अनंत यात्रा पर निकल जाएंगे। उनका अंतिम संस्कार रामपुर के जोबनी बाग धाम में किया जाएगा। दोपहर बाद शव यात्रा निकाली जाएगी। इसमें हजारों लोगों के मौजूद रहने की उम्मीद की जा रही है।
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