News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब)
बाहरी राज्यों के करीब 1500 लोग हर दिन पास लेकर पांवटा साहिब आना-जाना कर रहे हैं लेकिन पांवटा साहिब के लोगों को जरूरी काम या दवाओं के लिए उत्तराखंड या हरियाणा जाना हो तो एक दिन का पास भी नहीं बन रहा है। यह आरोप पांवटा साहिब कांग्रेस कमेटी के प्रधान अश्वनी शर्मा ने प्रशासन पर लगाया है। अश्वनी शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड और हरियाणा से हर रोज करीब 1500 लोग डेली पास के माध्यम से सुबह पांवटा आते हैं और शाम को वापस चले जाते हैं। मजदूरों को भी बिना क्वारंटाइन के प्रदेश में आने दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब हिमाचल की सीमा पर स्थित है। जिसके एक तरफ हरियाणा दूसरी तरफ उत्तराखंड और यूपी लगता है। जिसमें इन तीनों राज्यों में पांवटा के लोगों की रिश्तेदारी है। इलाज के लिए दवाई के लिए तथा रोजमर्रा के सामान के लिए लोग सहारनपुर, देहरादून, यमुनानगर तथा आसपास के इलाकों में जाते हैं। किंतु कोरोना के कारण जब से यह पास की व्यवस्था बनी है सारे कानून पांवटा वालों या यह कहो कि हिमाचली के ऊपर ही लागू किए गए हैं । यहां तक कि आसपास के क्षेत्रों के जो लोग हिमाचल में मजदूरी के लिए आते हैं उनके पास मैनुअल तहसीलदार पांवटा साहिब से जारी हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पांवटा के जो लोग सेलाकुई, देहरादून, यमुनानगर नौकरी के लिए जाते थे उनके पास नहीं बन रहे हैं। जिससे लोगों को बड़ी भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से यह मांग की है कि हिमाचल के लोगों को भी इसी प्रकार जो पांवटा जैसे सीमावर्ती क्षेत्र में रहते हैं उन्हें मैनुअल पास जारी किए जाएं या बिना पास जाने की भी सुविधा प्रदान की जाए। जिससे लोग दवाई के लिए या अपने रोजमर्रा के सामान, बीज, खाद बगैरह के लिए आसपास के क्षेत्र में जा सकें। उधर, एसडीएम पांवटा साहिब एलआर वर्मा ने कहा कि जरूरी काम से बाहर जाने वालों के ई-पास अप्रूव किए जा रहे हैं। प्रशासन सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल और एसओपी के तहत काम कर रहा है।
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