News portals-सबकी खबर(शिमला)
हिमाचल प्रदेश की झांकी का प्रस्ताव खारिज हो गया है। जिसके चलते दूसरे साल भी गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी 2022 को नई दिल्ली के राजपथ पर आयोजित होने वाले समारोह में देवभूमि की झलक नहीं देख पाएंगे। इस समारोह के लिए भेजा गया प्रदेश केंद्र सरकार ने 14 राज्यों के मॉडलों को चुना है। हिमाचल का मॉडल इनसे पिछड़ गया है। प्रदेश की ओर से विकासात्मक योजनाओं को दर्शाती झांकी का प्रस्ताव भेजा गया था।
इस मॉडल को अब प्रदेश में आयोजित होने वाले समारोह में दर्शाया जाएगा।भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से गणतंत्र दिवस की परेड के लिए सबसे पहले धामी गोलीकांड की झांकी का प्रस्ताव भेजा गया था।आजादी का महोत्सव विषय पर आधारित इस प्रस्ताव में स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर धामी में हुए गोलीकांड की विस्तृत जानकारी दी गई थी।
लिहाजा, बागवानी, पर्यटन, बिजली परियोजनाओं और धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम के विकास को दर्शाता प्रस्ताव भेजा गया था। दूसरे चरण में प्रदेश का यह प्रस्ताव पास हो गया लेकिन अंतिम छंटनी में इसे भी खारिज कर दिया गया। सरकार को इसकी मौखिक सूचना मिल गई है। पांच बार दिखी हिमाचली संस्कृति की झलक राजपथ पर 2007 में लाहौल स्पीति, 2012 में किन्नौर, 2017 में चंबा की संस्कृति की झलक देखने को मिली थी। 2018 में लाहौल स्पीति के कीह गोंपा की झांकी दिखाई गई थी।क्षा मंत्रालय ने हिमाचल की इस झांकी के मॉडल को भी खारिज कर दिया था। वर्ष 2021 में अटल टनल रोहतांग का प्रस्ताव भी खारिज हो गया था।
Recent Comments