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हिमाचल प्रदेश में तीन साल में 10 मौतें और पांच हादसे होने वाले प्वाइंट ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में आएंगे। केंद्र ने हिमाचल सरकार को इसके दिशा-निर्देश दिए हैं। हादसे वाली जगह का आधा किलोमीटर तक दायरा ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में आएगा। हिमाचल में ब्लैक स्पॉट, कमजोर जगह और संभावित स्पॉट को ठीक करने के लिए केंद्र सरकार लोक निर्माण विभाग को नहीं, बल्कि परिवहन विभाग को राशि जारी करेगा।
लोक निर्माण और पुलिस विभाग को सड़क संबंधित निर्माण और अन्य जागरूकता कार्यक्रमों के लिए पैसा परिवहन विभाग जारी करेगा। लोक निर्माण विभाग ने इस साल प्रदेश में एक ब्लैक स्पॉट, 481 कमजोर जगह को चौड़ा करने और संभावित 1342 स्पॉट को दुरुस्त करने के लिए 18380.35 लाख का प्रस्ताव तैयार किया है। यह स्पॉट जिला, राज्य मार्गों और नेशनल हाइवे पर हैं। वर्तमान में प्रदेश में 6,500 ब्लैक, कमजोर प्वाइंट और संभावित स्पॉट हैं। इस राशि से तंग सड़कों को चौड़ा किया जाएगा।जरूरत के मुताबिक सड़कों पर क्रैश बैरियर भी लगाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि पांच सालों में तीन हजार से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं, 2,600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। हिमाचल में सड़कों की लंबाई 38035 किलोमीटर है। इनमें 520 किलोमीटर सड़कों पर क्रैश बैरियर लगे हैं। पुलिस विभाग ने लोक निर्माण विभाग को इसकी सूची दी है।
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