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हिमाचल में 30 अक्तूबर को मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव के लिए होने वाला मतदान जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में बड़ी चुनौती है। बर्फबारी के बीच मतदान करवाने के लिए ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को एक से दो किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ेगा। घाटी में बुधवार सुबह बर्फबारी हुई है। इसके बाद स्पीति घाटी के 50 फीसदी से अधिक मतदान केंद्र बर्फ से लकदक हो गए हैं। विश्व के सबसे ऊंचे टशीगंग बूथ के लिए भी करीब आधा किलामीटर पैदल चलना होगा। मौसम खराब हुआ तो दिक्कतें और बढ़ सकती हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप के निधन के बाद मंडी संसदीय क्षेत्र का उपचुनाव हो रहा है। दो दिन शेष रह गए हैं। मतदान करवाने के लिए 28 अक्तूबर से पोलिंग पार्टियां रवाना हो जाएंगी, लेकिन अटल टनल बनने के बाद पहली बार हो रहे इस चुनाव के लिए मतदान करवाना कर्मचारियों के लिए बड़ी चुनौती है।
लाहुल-स्पीति में इन दिनों बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। बुधवार को भी सुबह लाहुल और स्पीति में बर्फबारी हुई। बर्फबारी के बाद हिक्किम, लांगचा और डेमूल में एक से डेढ़ फुट तक बर्फ गिरी है। हालांकि सभी मतदान केंद्र सड़क से जुड़े हैं, लेकिन इन तीन स्टेशनों तक सड़क बहाल होने की उम्मीद नहीं है। लिहाजा पोलिंग पार्टियों को यहां तक पहुंचने में एक से दो किलोमीटर तक पैदल सफर करना पड़ेगा। स्पीति के 50 फीसदी से अधिक मतदान केंद्र बर्फ से लकदक हैं।
50 मतदान केंद्र ऊंचाई पर
लाहुल-स्पीति जिले में उपचुनाव के लिए करवाना कठिन इसलिए भी है, क्योंकि घाटी का तापमान इन दिनों शून्य से नीचे पहुंच गया है। घाटी के कुल 92 मतदान केंद्रों में से 50 मतदान केंद्र ऐस हैं, जो समुद्रतल से 13000 फुट से अधिक उंचाई पर स्थित हैं। विश्व का सबसे उंचा टशीगंग पोलिंग बूथ समुद्रतल से 15255 फुट की ऊंचाई पर है।
सजाया जाएगा टशीगंग बूथ
विश्व का सबसे उंचा पोलिंग बूथ टशीगंग दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। यहां पर कुल 46 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रशासन का प्रयास है कि सभी मतदाता घाटी के विशेष पारंपारिक परिधान पहन कर मतदान केंद्र पहुंचे। इस मतदान केंद्र में मतदाताओं के लिए रेड कारपेट बिछाने की भी व्यवस्था की जा रही है।
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