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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हिमाचल में प्री-प्राइमरी स्कूलों का दायरा बढ़ाने को पहली प्राथमिकता रखा गया है | जिसमे प्री-प्राइमरी स्कूलों को जल्द ही प्लास्टिक की कुर्सियां और टेबल मिलेंगे। छोटे बच्चों की सुविधा के लिए हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग हल्के वजन की कुर्सियां और टेबल मुहैया करवाएगा। 45 हजार कुर्सियों और साढ़े 22 हजार टेबल की खरीद में शिक्षा विभाग जुट गया है। सूबे के 3840 सरकारी स्कूलों में अभी नर्सरी और केजी की कक्षाएं चलाई जा रही हैं। कुर्सियों और टेबल की खरीद के लिए कंपनियों से 17 अप्रैल तक टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। 20 अप्रैल को टेंडर का आवंटन होगा।
बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग द्वरा जून तक सभी स्कूलों में नए फर्नीचर की सप्लाई पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। निजी स्कूलों के प्री-प्राइमरी स्कूलों की तर्ज पर हिमाचल सरकार ने सरकारी स्कूलों में नर्सरी-केजी की कक्षाएं शुरू की हैं। इन कक्षाओं के प्रति अभिभावकों का रुझान भी बीते कुछ समय के दौरान बढ़ा है। । इस वर्ष इन स्कूलों की संख्या को बढ़ाया जाना प्रस्तावित है।
वही मई में प्रस्तावित प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में प्री-प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भी स्थिति स्पष्ट होगी। नर्सरी टीचर ट्रेनिंग कर चुकी बेरोजगार महिलाएं और आंगनबाड़ी वर्करों के बीच बीते कुछ समय से नियुक्ति को लेकर विवाद चला हुआ है। मई की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से नियुक्ति प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। नर्सरी-केजी की कक्षा में दाखिले लेने वाले नौनिहालों के बैठने के लिए अच्छा फर्नीचर लेने के केंद्र सरकार ने निर्देश दिए हैं। प्रति स्कूल करीब 21 हजार रुपये का फर्नीचर लिया जाना प्रस्तावित है। इसी कड़ी में समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने 1.45 किलोग्राम भार की कुर्सी और 2.50 किलोग्राम भार के टेबल की खरीद प्रक्रिया शुरू की है।
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