News portals -सबकी खबर (नोहराधार) हिमाचल प्रदेश देवभूमि है। यहां पर हर महीने त्योहारों की धूम रहती है, मगर ट्रांसगिरि में माघी त्योहार की बात ही कुछ निराली है। लंबे समय से बूढ़ी दिवाली के बाद 10 जनवरी से माघी त्योहार मनाया जा रहा है। इस त्योहार में यहां की संस्कृति से रू-ब-रू होने का सुनहरा मौका मिलता है। यहां के लोग अपनी अलग परंपरा के लिए जाने जाते हैं और इसकी झलक हम आसानी से इस त्योहार में देख सकते हैं।यह बात और है कि बदलते समय के साथ यह त्योहार अधिक खर्चीला हो चला है। त्योहार में लोगों का हर्षोल्लास देखते ही बनता है। इस वक्त यहां के लोगों ने त्योहार की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि 12 महीनों में 12 त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन माघी त्योहार हमारी पारंपरिक संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इसलिए लोग इसकी विशेष तैयारी करते हैं। क्षेत्र में अधिक ठंड होने के कारण सर्दियों का कोटा भी त्योहार के आने से पहले ही इकठा किया जाता है। लोग आजकल गुड़ सहित राशन इकठा करने में लगे हुए हैं। माघी त्योहार से पहले सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं| सिरमौर के ऊपरी क्षेत्र में माघी त्योहार की खूब धूम रहती है। ट्रांसगिरि में लगभग 127 पंचायतें आती हैं, जिसमें लगभग 65 हजार परिवार रहते हैं। हर घर में त्योहार में एक बकरे की बलि देने की परंपरा है। पिछले वर्ष क्षेत्र में 60 करोड़ रुपए के बकरों की कीमत को आंका गया था, जबकि इस वर्ष 70 करोड़ रुपए से ज्यादा के बकरे खरीदने का अनुमान लगाया जा रहा है। स्थानीय लोग बढ़-चढक़र बकरों की बोलियां लगाते हैं। बकरों की वजह से ही यह त्योहार काफी महंगा होता जा रहा है। (एचडीएम)
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