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November 22, 2024

प्रदेश में कैंथलीघाट और शिमला के बीच विश्व का सबसे ऊंचा पुल बनाने की तैयारी, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा

 

News Portals सबकी खबर (शिमला) प्रदेश में कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पर एनएचएआई ने विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी की है। हाई-वे के आखिरी छोर में कैंथलीघाट और शिमला के बीच विश्व का सबसे ऊंचा पुल बनने जा रहा है। यह जापान में बने 275 मीटर पुल से भी ऊंचा होगा। इस पुल की ऊंचाई तीन कुतुबमीनार से ज्यादा होगी। पुल निर्माण के लिए करीब 280 मीटर ऊंचाई वाली ड्राइंग तैयार की गई है। इस एक्स्ट्रा डोज पुल का निर्माण शकराल में होगा। इस पुल को खाई की तरफ से तीन पिल्लरों पर बनाया जा रहा है। इनमें से एक पिल्लर की ऊंचाई 620 फुट होगी, जबकि खाई से पिल्लर के टॉप की ऊंचाई 826 फुट तक होगी। यह पुल स्टेट ऑफ आर्ट तकनीक से बनाया जा रहा है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस पुल के निर्माण का जिम्मा एनएचएआई ने गावर इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को सौंपा है। एक्स्ट्रा डोज पुल की कुल लागत 600 करोड़ रुपए आंकी गई है और तीन साल में इस पुल का निर्माण कार्य पूरा होगा। फिलहाल, कैंथलीघाट से शिमला तक के पूरे मार्ग की बात करें तो इसकी कुल लंबाई 28.46 किलोमीटर है। इसके निर्माण की कुल लागत 3915 करोड़ रुपए आएगी। बता दे कि मार्ग पर पांच सुरंगों का निर्माण होगा और करीब 5.14 किलोमीटर हिस्सा इन सुरंग से होकर गुजरेगा। इसमें सबसे लंबी सुरंग 2.66 किलोमीटर लंबी होगी। यह सुरंग संजौली बाजार के नीचे से गुजरेगी, जबकि सबसे छोटी सुरंग 242 मीटर की होगी। गौरतलब है कि कालका से शिमला तक नेशनल हाई-वे को फोरलेन में बदलने का काम चार चरणों में शुरू किया गया है।

इनमें से पहला चरण सोलन से परवाणू तक लगभग पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे चरण का काम कैंथलीघाट से सोलन के बीच में चल रहा है। इस नेशनल हाई-वे पर अंतिम छोर कंैथलीघाट से शिमला तक पूरा किया जाना है। इस निर्माण को दो चरणों में बांटा गया है। 28.46 किलोमीटर के इस हिस्से में 27 पुलों और पांच सुरंगों का निर्माण होना है। एनएचएआई ने दोनों हिस्से के अलग-अलग टेंडर जारी कर दिए हैं। अब जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने वाला है।एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि नेशनल हाई-वे पर कैंथलीघाट से शिमला के बीच में सबसे ऊंचे पुल का निर्माण प्रस्तावित है।

यह पुल तीन कुतुबमीनार से ऊंचा होगा। पुल को विश्वस्तरीय तकनीक के माध्यम से बनाया जाएगा। इस पुल के निर्माण को लेकर टेंडर जारी हो चुके हैं। आगामी तीन साल में पुल के निर्माण को पूरा किया जाएगा। एनएचएआई ने पुल निर्माण को लेकर औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं।

 

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