स्वास्थ्य व तकनीकी शिक्षा में अब किताबों से ज्यादा दिया जायेगा प्रैक्टिकल ज्ञान
News portals-सबकी खबर (शिमला)
हिमाचल सरकार ने भी नई शिक्षा नीति के नए नियमों पर गहनता से स्टडी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य व तकनीकी शिक्षा के नियमों में सरकार बदलाव करने की तैयारी में है। अगले शैक्षणिक सत्र में हो सकता है कि शिक्षा व्यवस्था में कई बदलाव देखने को मिलें। अब इन दोनों प्रमुख विषयों में पढ़ने वाले छात्रों को ग्राउंड लेवल पर ट्रेनिंग दी जाएगी। विशेषज्ञ के तौर पर उन्हें विशेष प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी। स्वास्थ्य व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को शुरुआती दौर से ही विशेषज्ञ बनाया जा सके, इसको लेकर नई नीति के नियम लागू करने का प्लान है।
अब प्राथमिक देखभाल और माध्यमिक अस्पतालों में करने के लिए मुख्य रूप से अच्छी तरह से परिभाषित मापदंडों पर छात्रों का नियमित अंतराल पर मूल्याकंन किया जाएगा। बताया जा रहा है अब जो छात्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐलोपैथिक के क्षेत्र में शिक्षा लेने वाले छात्रों को एलोपैथिक चिकित्सा शिक्षा के सभी छात्रों को आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी की बुनियादी चीजों के बारे में बताया जाएगा।
डाक्टर, नर्स की ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों को किताबों से ज्यादा छोटे व बड़े अस्पतालों में भेजा जाएगा, ताकि वे ट्रेनिंग खत्म होने के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में सही ढंग से अपनी सेवाएं दे सकें। नई शिक्षा नीति की गाइडलाइन को देखते हुए सभी प्रकार की हैल्थकेयर शिक्षा में निवारक स्वास्थ्य देखभाल और सामुदायिक चिकित्सा पर अधिक जोर दिया जाएगा।
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