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गृह विभाग प्रदेश की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद हो गया है। बर्फबारी में नशा तस्करी को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान छेडऩे की तैयारी की जा रही है। इसके लिए प्रधान सचिव गृह ने पुलिस के आलाधिकारियों की बैठक करवाई है। बैठक में प्रदेश के क्राइम ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम पर मंथन किया गया | प्रदेश में यह सिस्टम सुदृढ़ पाया गया है। साथ ही प्रदेश में नशा तस्करों की बढ़ती तादाद को लेकर गृह विभाग चिंता में हैं। प्रदेश की तमाम जेलों में बंद कैदियों की तुलना में नशा तस्करों की तादाद 40 फीसदी पहुंच गई है।तस्करों में महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है। प्रदेश भर की जेलों में इस समय अलग-अलग अपराधों में तीन हजार कैदी सजा काट रहे हैं। इनमें से 1187 कैदी अकेले नशा तस्करी के आरोप में पकड़े जाने के बाद जेल भेजे गए हैं। इनमें से 905 आरोपी विचाराधीन हैं, जबकि 282 को सजा हो चुकी है। जो मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं उनमें 858 मामलों में पुरुष जबकि 47 मामलों में महिलाएं नशे की खेप के साथ गिरफ्तार की गई हैं। सजायाफ्ता कैदियों में 272 पुरुष और 10 महिलाएं शामिल हैं। सर्दियों में नशा तस्करी की घटनाएं बढ़ जाती हैं, इन्हें देखते हुए पुलिस इस बार पुख्ता तैयारियां कर रही है। डीजीपी संजय कुंडू ने साफ संदेश दिया है कि सर्दियों में पुलिस के लॉकअप और जेल ठंडे और अंधेरे रहते हैं। प्रदेश में नशातस्करी की सोच रखने वाले इनके बारे में जरूर विचार कर लें। गृह विभाग के प्रधान सचिव भरत खेड़ा ने कहा है कि प्रदेश में क्राइम ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम सुदृढ़ हुआ है। इसका लाभ अपराध रोकने में मिल रहा है। नशा तस्करी के खिलाफ अभियान छेडऩे में भी यह सिस्टम मददगार साबित हो सकता है।
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