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भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का चार दिवसीय शिमला प्रवास यादगार रहा। प्रदेश की जयराम सरकार के प्रयासों से राष्ट्रपति के दौरे पर लोगों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। हालांकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति निवास द रिट्रीट में ठहरना था, लेकिन उनकी सुरक्षा की बजह से जनता को कोई असुविधा न हो इसके लिए उन्होंने होटल ओबेरॉय सेसिल में ठहरने की सहमति जताई।
प्रदेश सरकार ने शिमला जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को पहले ही निर्देश दिए थे कि राष्ट्रपति के दौरे के समय जनता को कोई भी असुविधा का सामना करने की नौबत न आए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बार-बार स्वयं जायजा लेते रहे।
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम और 2013 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का शिमला दौरा रहा तो यहां की जनता को यातायात से लेकर अन्य असुविधाओं का सामना करना पड़ा था। मगर इस बार जनता को कोई भी परेशानी नहीं हुई। यहां तक कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को ऐतिहासिक रिज पर लोगों से बात की। इस दौरान उन्हांने लोगों से बात करते हुए असुविधा के लिए खेद भी जताया, मगर लोगों ने उन्हें साफ कह दिया कि उन्हें कोई असुविधा नहीं हुई।
प्रदेश की जनता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शिमला प्रवास को यादगार बताते हुए जयराम सरकार और पुलिस प्रशासन की तारीफ की।
बता दें कि भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गत 16 सितंबर को शिमला पहुंचे और हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस के स्वर्णिम वर्ष पर आयोजित 17 सितंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कोविड-19 वैक्सीनेशन में 18 से 45 वर्ष तक की आयु वाले शत-पतिशत लोगों को पहली डोज लगाने के लिए जयराम सरकार को शाबाशी भी दी।
बीते 18 सितंबर को राष्ट्रपति ने शिमला में राष्ट्रीय लेखा परीक्षा तथा लेखा अकादमी द्वारा आयोजित भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवाएं बैच 2018 और 2019 के प्रशिक्षु अधिकारियों के विदाई समारोह के अवसर पर मेधावी प्रशिक्षु अधिकारियों को पदक देकर सम्मानित भी किया।
इस कार्यक्रम का स्थान और इससे हिमाचल प्रदेश विधानसभा उस जगह से चंद मीटर की दूरी पर है जहां राष्ट्रपति ठहरे थे। इस वजह से भी जनता को असुविधा नहीं हुई।
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