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हिमाचल प्रदेश प्राइमरी स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवीं तक पांच शिक्षक होंगे। यानी कि हर कक्षा के लिए एक अलग टीचर होगा, जो एक ही कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों की स्टडी पर फोकस करेगा। बता दें कि प्रदेश के कई स्कूल ऐसे हैं, जहां प्राइमरी कक्षाओं में सभी बच्चों को एक ही शिक्षक पढ़ाता है। इससे बच्चों को सही शिक्षा नहीं मिल पाती, लेकिन अब क्लस्टर स्कूलों में हर कक्षा के छात्रों को एक शिक्षक मिलेगा।
यानी कक्षा में छात्रों की संख्या चाहे दस हो, उन दस बच्चों को पढ़ाने के लिए भी अलग से शिक्षक मिलेगा। क्लस्टर स्कूलों की खास बात यह रहेगी कि इसमें आरटीई के सभी नियम पूरी तरह से लागू होंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा से जोड़ने के लिए सौ क्लस्टर स्कूल बनेंगे।
शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए पहले ही प्रोपोजल तैयार कर सरकार को भेजा गया है, जिसमें 100 स्कूलों को फाइनल किया जा चुका है। प्रदेश सरकार की ओर स्कूलों के लिए रिड्राफ्ट पैरामीटर तैयार किए जाने हैं, यानी शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जो लोकेशन तय की है, वह सही है या नहीं, इसको देखा जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से बजट भाषण में की गई घोषणा स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय के तहत पूरे प्रदेश में 100 स्कूल इसके दायरे में आएंगे। शिक्षा विभाग का कहना है कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक क्लस्टर बनाया जाएगा, जिसमें कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। यही नहीं, इन स्कूलों में हर ब्लॉक को भी कवर किया गया है।
पूरे प्रदेश का सर्वे कर इस प्रकार से लिस्ट तैयार की गई है, ताकि कोई भी एरिया इससे न छूटे। यदि जरूरी हुआ, तो कम संख्या वाले स्कूलों को इसमें मर्ज भी किया जा सकता है, ताकि शिक्षा में गुणवत्ता आए। अब इसमें सरकार एनरोलमेंट का पैरामीटर भी तैयार करेगी।
दरअसल सरकारी स्कूलों में छात्रों की घट रही एनरोलमेंट को बढ़ाने के लिए भी सरकार ने विधानसभा में इस प्रस्ताव को मंजूर करवाया था। हालांकि सरकार व शिक्षा विभाग की सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट बढ़ाने के लिए इस तरह की योजना लंबे समय से चल रही है, लेकिन यह कब सिरे चढ़ती है, यह देखना अहम होगा।
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